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Rahul Chandigarh Visit : राहुल गांधी की चंडीगढ़ बैठक के इसी माह आ सकते हैं नतीजे, प्रदेश कांग्रेस को मिल सकता नया चेहरा, बाद में बनेंगे जिलाध्यक्ष

गुटबाजी पर राहुल गांधी ने बैठक में भी दिखाई सख्ती, नेताओं को दी नसीहत
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राहुल गांधी की फाइल फोटो।
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दिनेश भारद्वाज/चंडीगढ़, 5 जून (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Rahul Chandigarh Visit : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के चंडीगढ़ दौरे के नतीजे जल्द ही आ सकते हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं तथा केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों की बैठक में ‘संगठन सृजन कार्यक्रम’ का आगाज किया। बेशक, यह कवायद जिलाध्यक्षों के चयन से शुरू हुई है लेकिन पहले प्रदेश नेतृत्व में बदलाव होने की प्रबल संभावना है। दिल्ली से जुड़े कांग्रेस सूत्रों की अगर मानें तो इसी माह में प्रदेश कांग्रेस को नया चेहरा मिलने की संभावना है।

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ऐसा इसलिए भी है कि पार्टी नेतृत्व चाहता है कि प्रदेशाध्यक्ष के हाथों ही नये जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी करवाई जाए। वर्तमान में चौ़ उदयभान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, लेकिन अब उनका बदला जाना तय है। प्रदेशाध्यक्ष बदला जाना है, इसलिए पिछले लगभग सात महीनों से कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता का फैसा भी रुका हुआ है। प्रदेशाध्यक्ष के नाम को हरी झंडी मिलते ही सीएलपी लीडर के नाम का भी ऐलान हो सकता है।

दोनों ही पदों पर नियुक्ति को लेकर पार्टी हाईकमान द्वारा जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की जा रही है। अगर प्रदेशाध्यक्ष पद पर किसी जाट चेहरे की तैनाती होती है तो फिर सीएलपी का पद गैर-जाट कोटे में जाएगा। अगर सीएलपी जाट को बनाया गया तो फिर गैर-जाट का प्रधान बनना तय हो जाएगा। बताते हैं कि पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद इन दोनों पदों को लेकर अंदरखाने अपनी एक्सरसाइज कर चुके हैं। वे राहुल गांधी को इस बाबत रिपोर्ट भी सौंप चुके हैं।

अक्तूबर-2014 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही प्रदेशाध्यक्ष को बदले जाने की चर्चाएं चल रही हैं। प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता नैतिक आधार पर उदयभान से इस्तीफा भी मांग चुके हैं। बेशक, पार्टी नेतृत्व भी नये प्रधान को लेकर पहले ही बन मन बना चुका है, लेकिन सीएलपी लीडर का निर्णय नहीं होने की वजह से दोनों पदों पर असमंजस बनी रही। सीएलपी लीडर को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से भी पार्टी को पत्र लिखा जा चुका है। ऐसे में नेतृत्व अब दोनों पदों पर जल्द निर्णय लेने के मूड़ में है।

इसलिए पहले बनेगा प्रधान

कांग्रेस नेतृत्व ने जिलाध्यक्षों से पहले प्रदेशाध्यक्ष चयन का फैसला इसीलिए लिया है ताकि प्रदेश में गलत संदेश ना जाए। अगर पहले जिलाध्यक्षों की घोषणा होती है और उसके बाद प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाता है तो यह पार्टी के संविधान का भी उल्लंघन होगा। आमतौर पर यही प्रचलन रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष ही जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी करते रहे हैं। बेशक, यह लिस्ट भी पार्टी नेतृत्व द्वारा मंजूर की जाती हो।

प्रदेश में बनेंगे 33 जिलाध्यक्ष

हरियाणा में शहरी और ग्रामीण मिलाकर कुल 33 जिलाध्यक्ष कांग्रेस बनाएगी। पूर्व में इनकी संख्या में बढ़ोतरी की चर्चाएं भी हुई थी लेकिन ऐसा होगा या नहीं, यह पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा। अंबाला जिला में तीन जिलाध्यक्ष बनेंगे। इनमें अंबाला सिटी, अंबाला ग्रामीण व अंबाला कैंट शामिल हैं। इसी तरह से भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सोनीपत व यमुनानगर में दो-दो यानी ग्रामीण व शहरी जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। बाकी जिलों – फरीदाबाद, फतेहाबाद, जींद, झज्जर, कैथल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़ मेवात, पंचकूला, पलवल, चरखी दादरी व सिरसा में एक ही जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा।

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