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बीएएमएस चिकित्सकों को लिंगानुपात के लिए जिम्मेदार ठहराने पर जताया विरोध

महानिदेशक के बयान पर नीमा ने बैठक कर जताया रोष
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कैथल में नीमा की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक के खिलाफ रोष प्रकट करते बीएएमएस चिकित्सक।  -हप्र
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कैथल, 17 मई (हप्र)

हरियाणा में घटते लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक द्वारा बीएएमएस (आयुर्वेदिक) चिकित्सकों को दोषी ठहराने पर नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) में रोष व्याप्त है। महानिदेशक ने बयान में कहा था कि बीएएमएस चिकित्सक अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच और गर्भपात जैसे मामलों में संलिप्त हैं, जिससे कन्या भ्रूण हत्या के मामले बढ़ रहे हैं और राज्य का लिंगानुपात गिर रहा है। इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए नीमा प्रधान डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि बिना किसी पुख्ता साक्ष्य के बीएएमएस चिकित्सकों पर गंभीर आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। आयुर्वेदिक चिकित्सक वर्षों से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और उनकी सेवाओं को नजर अंदाज करना अन्यायपूर्ण है।

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नीमा ने मांग की कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाए और दोषियों को सजा दे, चाहे वे किसी भी विभाग से हों। उन्होंने सुझाव दिया कि इस प्रकार के निर्णयों में आयुर्वेद विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए, ताकि संतुलित और व्यावहारिक नीति बन सके। कैथल के नीमा से जुड़े सभी बीएएमएस चिकित्सकों ने इस बयान का विरोध करते हुए महानिदेशक से अपना बयान वापस लेने की मांग की। मौके पर उनके साथ सचिव सतपाल शर्मा, कोषाध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र ठुकराल, सदस्य डाॅ. मुकेश अग्रवाल, उपप्रधान राजेन्द्र पंवार, सहसचिव ओम शंकर शर्मा, बीएल मक्कड़, डाॅ. जयंती शर्मा, डाॅ. रजनीश गुप्ता व डाॅ. शशी मौजूद रहे।

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