दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यूचंडीगढ़, 26 मईहरियाणा राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त व पांच सूचना आयुक्तों के चयन को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट 28 मई को इस मामले की सुनवाई करेगा। सोमवार को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मुख्य सूचना आयुक्त सहित पांच सूचना आयुक्तों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। चयनित होने के बाद भी भिवानी की प्रियंका धूपड़ की शपथ नहीं हो पाई।सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने विवाद से बचने के लिए प्रियंका धूपड़ की शपथ को फिलहाल रोक दिया है। पेशे से एडवोकेट प्रियंका धूपड़ भिवानी से भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे शंकर धूपड़ की बेटी हैं। वह भिवानी में जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य भी रही हैं। प्रियंका का चयन होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बन गईं। वे विवादों में रह चुकी हैं। इतना ही नहीं, पहली बार ऐसा हुआ जब मीडिया को भी शपथ ग्रहण समारोह में एंट्री नहीं करने दी गई।इस मौके पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल सिंह ढांडा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के अलावा कई विधायक, वरिष्ठ अधिकारी व शपथ लेने वाले आयुक्तों के परिवार के सदस्य मौजूद रहे।हरियाणा के मुख्य सचिव रहे डॉ़ टीवीएसएन प्रसाद ने मुख्य सूचना आयुक्त पद की शपथ ग्रहण की। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ओएसडी रहे व सेवानिवृत्त एचसीएस अधिकारी अमरजीत सिंह, कांफैड के चेयरमैन और भाजपा प्रवक्ता रहे कर्मवीर सैनी, अंबाला कैंट की नीता खेड़ा व संजय मदान ने सूचना आयुक्त पद की ओथ ली।शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले हाईकोर्ट के वकील जगमोहन भट्टी ने एक याचिका दायर करते हुए कहा कि जिन व्यक्तियों को सूचना आयुक्त लगाया गया है वे हरियाणा के सत्तारूढ़ दल से संबंधित हैं। यह संविधान के नियमों का उल्लंघन है। याचिका में इन नियुक्तियों पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई।नियुक्तियां अवैध : माजराइनेलो प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को अवैध करार दिया है। अंबाला कैंट की नीता खेड़ा का जिक्र करते हुए माजरा ने कहा कि एचपीएससी के सदस्य रह चुके हैं उनको वैधानिक पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती।