कैथल, 15 अप्रैल (हप्र)
महेंद्रगढ़ जिले में हुए निजी स्कूल बस हादसे के बाद आरटीए विभाग की ओर से निजी स्कूलों की बसों की जांच कर कार्रवाई करने के विरोध में सोमवार को जिले के सभी स्कूल बंद रखे।
निजी स्कूल संचालकों ने लघु सचिवालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया और एडीसी सी जया श्रद्धा को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया। एडीसी ने अधिकारियों से बात कर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
एक दिन पहले बैठक कर बनाई गई तीन दिन की हड़ताल करने की रणनीति के अनुसार सोमवार को स्कूल संचालक लघु सचिवालय के प्रांगण में इकट्ठे हुए। स्कूल संचालकों ने स्कूल बसों पर आरटीआई विभाग की कार्रवाई को गलत बताया और प्रदर्शन किया। इसके बाद चालान के विरोध में निजी स्कूल संचालकों ने एडीसी सी जय श्रद्धा से मिलकर मांगों का एक ज्ञापन दिया। इसके बाद एडीसी ने निजी स्कूल संचालकों को अप्रैल महीने तक का बसों में कमियां दूर करने का समय दिया।
एडीसी से मिलने वाले निजी स्कूलों के प्रतिनिधिमंडल में जिले के 100 से अधिक स्कूलों के संचालक शामिल रहे।
बता दें कि आरटीए विभाग की ओर से की गई कार्रवाई के तहत अब तक ढाई लाख रुपये का चालान राशि वसूली गई है। एडीसी सी जय श्रद्धा ने कहा कि वह स्कूल बसों पर की जाने वाली कार्रवाई पर अधिकारियों से चर्चा करेंगी। उसके बाद ही स्कूल संचालकों की मांगों पर विचार किया जाएगा।
निजी स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी डा. वरुण जैन ने बताया कि इस समय आरटीए विभाग की ओर से निजी स्कूल संचालकों को उनकी बसों की पासिंग करवाने के लिए माह में दो दिन का समय दिया गया है।
यदि इस दौरान मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर छुट्टी कर ले या बस में कमी मिल जाए तो वह बस संचालित नहीं हो पाती है। इसलिए महीने में कम से कम 15 दिन तक बसों की पासिंग की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अब आरटीए विभाग की ओर से जब्त की गई बसों की चालान राशि भरकर सभी बसों को छोड़ा जाए, ताकि स्कूल संचालकों को बसों को चलाने में परेशानी न हो।
53 बसों का चालान, 16 बस की जब्त
जिले में 500 निजी स्कूलों की करीब 1500 बसें हैं। इनमें से आरटीए विभाग की ओर से निजी स्कूलों की बसों की जांच के तहत तीन दिन में 53 बसों की जांच की गई है। इन बसों का करीब ढाई लाख रुपये का जुर्माना किया गया है। आरटीए विभाग के जिला सचिव शीशपाल ने बताया कि सोमवार को जांच का कार्य नहीं किया गया है। इसको लेकर डीसी प्रशांत पंवार की तरफ से विभाग के अधिकारियों की बैठक होनी है। इस बैठक के बाद ही बसों की जांच की आगामी रणनीति बनाई जाएगी।