रेवाड़ी, 8 दिसंबर (निस)
जैसे-जैसे संयुक्त किसान मोर्चा व सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनती दिखाई दे रही है और उससे संकेत मिल रहे हैं कि बृहस्पतिवार को आंदोलन समाप्ति की घोषणा की जा सकती है, इसी उम्मीद से दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर के निकट पिछले एक साल से धरने पर बैठे किसानों ने अपना बोरिया बिस्तर बांधना भी शुरू कर दिया है। घर लौटने के समय किसानों ने अब ढोल-बाजे व रंग-गुलाल भी तैयार कर लिए हैं। धरने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी के स्थान पर किसान फुर्सत के क्षणों में ताश खेलते दिखाई दिये।
धरने पर बैठे किसान नेता व पूर्व विधायक अमराराम, तारा सिंह सिद्धू, रघुबीर भेरा ने कहा कि बृहस्पतिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की सिंधु बॉर्डर पर महत्वपूर्ण बैठक होगी और इसमें अहम घोषणा किए जाने की संभावना है। यदि सब कुछ ठीक रहा और सरकार ने मांगों को स्वीकार किया तो ढोल बाजे व रंग गुलाल उड़ाते हुए अपने घरों को लौटेंगे। यदि सरकार के साथ बात नहीं बनी तो मोर्चे पर किसान डटे रहेंगे, घरों को नहीं लौटेंगे। इस मौके पर किसान एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। इस मौके पर कश्मीर सिंह, निशा सिद्धू, सुरेंद्र मेहरा, रामेश्वर वर्मा, चन्द्रकला, कपिल हरसौली, सुभाष पलडिय़ा, सुरेन्द्र खोखर, हरिशंकर, लखा सिंह, रामरतन बगडिय़ा, भोला राम, मेहर, प्रताप सिंह मौजूद थे।
हिसार (हप्र) : सरकारी समर्थन मूल्य फसलों की ख्ररीद का गारंटी कानून, बिजली संशोधन बिल रद्द करने, पराली जलाने पर किसानों पर भारी जुर्माना व कैद का कानून वापस लेने समेत कई अन्य मांगों के समर्थन में लघु सचिवालय पर किसान सभा का चल रहा बेमियादी धरना बुधवार को 224वें दिन में प्रवेश कर गया।
धरने की अध्यक्षता किसान नेता दिलीप सिंह नंबरदार व डॉ. करतार सिंह सिवाच ने की। किसानों को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि 5 दिसंबर को लघु सचिवालय एवं कोर्ट परिसर में पुलिस प्रशासन ने वकीलों पर जिस प्रकार बल का प्रयोग किया, उसकी संयुक्त किसान मोर्चा कड़े शब्दों में निंदा करता है। किसान जजपा की 9 दिसंबर को होने वाली झज्जर रैली का बहिष्कार करेंगे। धरने पर सूबे सिंह बूरा, सुरेन्द्र सैनी मौजूद थे।
टीकरी बॉर्डर पर पंचायत
झज्जर (हप्र) : टीकरी बॉर्डर पर बुधवार को किसान संगठनों की पंचायत हुई, जिसकी अध्यक्षता अहलावत खाप के प्रधान जयसिंह अहलावत ने की। पंचायत में संयुक्त मोर्चा के फैसले को मंजूर करने का प्रस्ताव पारित किया गया और किसान मोर्चा से अनुरोध किया गया कि किसानों पर केस वापस होने के बाद ही आंदोलन को समाप्त करने और किसानों की घर वापसी का फैसला लें। इसके अलावा एमएसपी को कानूनी गारंटी दिलाने पर ही आंदोलन का फैसला किए जाने की बात कही गई। पंचायत में कई खापों के प्रधानों के अलावा किसान संगठनों ने भाग लिया।
खाद की परेशानी
सफीदों (निस) : सफीदों क्षेत्र मे यूरिया खाद के लिए किसान आज भी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि बाजार मे बिना लाईसैंस के भी पिछले दरवाजे से अनेक व्यापारी विभिन्न ब्रांडों का यूरिया खाद बेच रहे हैं लेकिन वे यूरिया के साथ खरपतवारनाशक आदी की दवाएं थोंप रहे हैं। कृषि अधिकारियों से आज बात नही हो पाई लेकिन अनेक किसान यूरिया के लिए परेशान थे जो खाद विक्रेताओं की दुकानों के चक्कर काट रहे थे। यही स्थिति उपमण्डल के पिल्लुखेड़ा कस्बे की भी है।