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Power Minister Conference : ‘पावर फॉर ऑल-फॉर ऑल टाइम’ को लेकर खट्टर ने संभाला मोर्चा, अगस्त तक प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य

हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर व राजस्थान सहित कई राज्य हुए शामिल
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 6 जून।

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Power Minister Conference : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पावर फॉर ऑल-फॉर ऑल टाइम’ विजन को साकार करने के लिए केंद्रीय उर्जा व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मोर्चा संभाला हुआ है। मनोहर लाल ने इस साल अगस्त तक देशभर के सभी सरकारी भवनों व कार्यालयों के अलावा आवासीय कालोनियों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। यही नहीं, प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में दो से पांच प्रतिशत की छूट भी मिलेगी।

शुक्रवार को चंडीगढ़ में उत्तरी राज्यों के उर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने अपना रोडमैप रखा। इसी दौरान हरियाणा में प्रीपेड उपभोक्ताओं को बिलों में 5 प्रतिशत छूट की घोषणा भी की गई। मनोहर लाल ने कहा कि देश अब रिन्यूएबल एनर्जी की ओर कदम बढ़ा रहा है। जिन प्रदेशों में बिजली की कमी होती थी, वे आज सरप्लस प्रदेश बन चुके हैं। ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान सहित कई अन्य प्रदेशों के मंत्रियों व अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

सम्मेलन के दौरान इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन कैपेसिटी, ऊर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और संसाधनों की पर्याप्तता सुनिश्चित करने सहित ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर व्यापक और सार्थक चर्चा हुई। साथ ही, केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर देश के ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाने में दिशा में लगातार कार्य कर रही है, इस पर भी केंद्रीय मंत्री ने ऊर्जा मंत्रियों को विस्तार से अवगत कराया। 6 घंटे चली लंबी बैठक में हर पहलू पर बारीकी से चर्चा हुई।

खासकर ट्रांसमिशन कैपेसिटी को बढ़ाने के साथ लाइन लोस को घटाने पर चर्चा हुई। वहीं, उत्तरी राज्यों को अगस्त 2025 तक सभी सरकारी भवन, कार्यालय और आवासीय कालोनियों में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य दिया गया। इसके बाद कर्मिशयल और हाईलोड वाले उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। चरणबद्ध तरीके से प्रीपेड लगाने का काम पूरा होगा।

डिमांड के हिसाब से बिजली पर्याप्त

मनोहर लाल ने बताया कि गर्मियों के सीजन में बिजली की डिमांड पीक पर होती है। वर्ष 2024 में 250 गीगावाट डिमांड थी। 2025 में यह बढ़कर 260 गीगावाट के ऊपर पहुंच गई है। डिमांड के हिसाब से देशभर में बिजली पर्याप्त है। सम्मेलन के दौरान इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा हुई। वहीं निवेश बढ़ाने को लेकर भी सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ मंत्रणा की गई। केंद्र सरकार की ओर से डेढ़ लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है, जिसे राज्य 50 साल की लंबी अवधि के लिए बिना ब्याज के ले सकते हैं।

स्मार्ट मीटर से रुकेगी चोरी

उन्होंने ऊर्जा मंत्रियों को लाइन लॉस कम करने का लक्ष्य दिया है। फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर लाइन लोस की औसत 16 प्रतिशत है। कई राज्यों में यह औसत 17 से 20 प्रतिशत है। लाइन लॉस को कम करने और विद्युत निगमों की आमदन बढ़ाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला लिया है। मनोहर लाल ने ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि ग्रीन एनर्जी कोरिडोर बनाए जाए, इससे रिन्यूएबल एनर्जी को उत्पादन बढ़ेगा। 2014 में रिन्यूएबल एनर्जी का शेयर 32 प्रतिशत, जो अब बढ़कर 45 प्रतिशत पार पहुंच गया है। वहीं इंडस्ट्रीज को ग्रीन एनर्जी को बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाने हैं, जिसको देखते हुए इंडस्ट्रीज को ग्रीन एनर्जी उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया है।

किसानों को मिल रही सब्सिडी

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने प्रीपेड मीटर को लेकर किसानों द्वारा विरोध किए जाने वाले सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, उन्हें मुफ्त में बिजली मिल रही है। सरकार की ओर से सबसिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सौलर रूफटॉप की योजना तैयार की है। इससे हर घर, गांव, शहर के साथ प्रदेश बिजली में आत्मनिर्भर बनेगा।

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