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Power Minister Conference : किसानों को दिन में मिलेगी बिजली... गांवों में बनेंगे सोलर हाउस, अनिल विज ने रखा हरियाणा का विजन

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को पसंद आया सुझाव, केंद्रीय मंत्रालय करेगा अमल
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 6 जून।

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हरियाणा में किसानों को दिन के वक्त भी बिजली मिले, इसके लिए उर्जा विभाग विशेष योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए गांवों में सोलर हाउस स्थापित किए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक सोलर हाउस से इसकी शुरूआत होगी। यह योजना कामयाब होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। शुक्रवार को हरियाणा के उर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुए उत्तरी राज्यों के उर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात रखी।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को भी अनिल विज का सुझाव काफी पसंद आया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस पर सुझाव लेगा और अमल करेगा। विज ने कहा कि प्रदेश सरकार हरियाणा में सोलर एनर्जी को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है ताकि हरियाणा बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सके। इस दिशा में नवीन एवं नवीकरणीय/ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे गांवों में किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गांव में ही सोलर हाउस बनाए जाएं ताकि किसानों को बिजली के दूसरे विकल्पों पर निर्भर न रहने पड़े। किसान गांव के ही सोलर हाउस से अपने खेतों में पानी दे सकें।

विज ने कहा कि सरकार द्वारा 10 किलोवाट तक सोलर के पैनल घरों में लगाए जाते हैं, लेकिन इससे अधिक क्षमता के लिए सोलर हाउस बनाया जाना अधिक मुफिद है। चूंकि किसान को उनके खेतों में बिजली की आपूर्ति चाहिए, चाहे वह सोलर से आ रही हो, भाखड़ा से आ रही है या केंद्रीय पूल से आ रही हो। इसलिए हमें इस प्रकार की व्यापक सोलर परियेाजना पर कार्य करना चाहिए ताकि इसमें सभी हितधारकों का लाभ सुनिश्चित हो सकें।

ट्रांसमिशन लाइनों को लेकर बने नीति

विज ने सम्मेलन में पोल (खम्भों), सब-स्टेशन तथा ट्रांसमिशन लाइनों के खेतों व घरों के ऊपर से जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को सुझाव दिया कि इस संदर्भ में एक नीति बनाई जानी चाहिए ताकि लोगों की परेशानी दूर हो सके। जहां पर अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों या लाइनें घरों के ऊपर से न जाने का स्कोप हो, वहां पर जमीन के अंदर से भी लाइनों को डाला जा सकता है। इस संबंध में तकनीकी रूप से अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि इस पर काम हो सके। इस संबंध में सुरक्षा के सभी मापदण्ड भी निर्धारित किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में किसी दिक्कत का समाधान किया जा सके।

आपदा में ठप ना हो ट्रांसमिशन सिस्टम

विज ने एक और सुझाव देते हुए कहा कि किसी भी आपदा के दौरान हमारा ट्रांसमिशन सिस्टम ठप न हों, उसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को मापदंड/नीति बनानी चाहिए। पोल व सब-स्टेशन आदि की स्थापना इसके तहत ही हो ताकि आपदा- बाढ, आंधी-तूफान आदि में बिजली आपूर्ति ठप न हो। उन्होंने कहा कि कठिन समय पर उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया करवाना भी हमारे लक्ष्यों में शामिल होना चाहिए। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर इस संबंध में मानदंड तैयार किए जाने चाहिएं। विज ने केंद्रीय मंत्रालय को सुझाव देते हुए कहा कि न्यूक्लीयर बिजली प्लांट को स्थापित करने में काफी समय लगाया जा रहा है, इसलिए हमें इस प्रकार से योजना बनानी चाहिए ताकि इस प्रकार के बिजली सयंत्र जल्द से जल्द स्थापित किए जा सके और लोगों को बिजली की आपूर्ति हो सके।

केंद्रीय मंत्री के सामने उठाई ये मांगें

अनिल विज ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के सामने हरियाणा की कई मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि 600 एमडब्ल्यूएच क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना के लिए हरियाणा राज्य को व्यवहार्यता अंतर वितपोषण प्रदान किया जाए। भारत सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले सोनीपत और झज्जर जिलों की वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 3179.47 करोड़ रुपये के लंबित प्रस्तावों का अनुमोदन भी जल्द से जल्द किया जाए।

आरडीएसएस के तहत 33 केवी सब-स्टेशनों के ऑग्मेंटेशन के 142 करोड़ रुपए के लंबित प्रस्तावों को एलआरपी योजना में शीघ्र अनुमोदन का आग्रह किया। सम्मेलन में उर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अशोक मीणा, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक ए़ श्रीनिवास, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम की प्रबंध निदेशक आशिमा बराड सहित केंद्र सरकार व अन्य राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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