PM Poshan Scheme : 15 लाख नौनिहालों के लिए 665 करोड़ का बजट मंजूर, पीएम पोषण योजना के तहत मंजूर हुई राशि
Haryana News : हरियाणा की बाल वाटिकाओं व प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रोटीनयुक्त भोजन मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार ने 665 करोड़ 65 लाख रुपये के बजट की मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण) योजना के तहत बच्चों को पूर्व में मध्याह्न भोजन मुहैया करवाया जाएगा। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय संचालन-सह-निगरानी समिति (एसएलएसएमसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
यह बजट 2025-26 के लिए मंजूर हुआ है। योजना का उद्देश्य प्रदेशभर में 15 लाख से अधिक बच्चों को लाभ पहुंचाना है। इनमें बाल वाटिकाओं के 80 हजार 862 तथा प्राथमिक विद्यालयों के 8 लाख 28 हजार 533 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 6 लाख 38 हजार 714 बच्चे शामिल हैं। कुल पंद्रह लाख के करीब नौनिहालों के लिए यह बजट अप्रूव हुआ है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को योजना को समयबद्ध और प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश दिए।
न्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हर पात्र बच्चे के लिए पोषणयुक्त और प्रोटीन युक्त भोजन मिल सके। यह योजना केवल भोजन उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण का मिशन है। इसमें नामांकन, उपस्थिति और रिटेंशन में सुधार के साथ-साथ बच्चों की पोषण स्थिति को सुदृढ़ करना भी शामिल है। बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के सुझाव पर राज्य के 10 हजार 80 स्कूल रसोई उद्यानों में हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे मेथी, पालक और सरसों की खेती शुरू की है ताकि बच्चों को आयरन और फाइबर युक्त आहार मिल सके।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए एमओयू
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग ने बताया कि पोषण प्रभाव को और बेहतर बनाने हेतु विभाग ने हाल ही में विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ चार जिलों - मेवात, पानीपत, सोनीपत और पलवल (केवल हथीन खंड) के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। भिवानी और मेवात में पूरक पोषण के रूप में हर सप्ताह पिन्नी का वितरण भी किया जा रहा है।
6 दिन मिलेगा फ्लेवर्ड मिल्क
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अब प्रदेश के सभी जिलों में बच्चों को सप्ताह में छह दिन 200 मिलीलीटर के हिसाब से सभी बच्चों को स्किम्ड फ्लेवर्ड मिल्क मिलेगा। पहले यह सप्ताह में केवल तीन दिन ही उपलब्ध करवाया जाता था। साथ ही, सप्ताह में एक बार पिन्नी का वितरण अब सभी जिलों में किया जाएगा। सभी सरकारी स्कूलों में सप्ताह में दो दिन, बाल वाटिका से कक्षा 8 तक के सभी छात्रों को प्रोटीन युक्त मिल्क बार भी दिया जाएगा। सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और इस्कॉन को निर्देश दिए हैं कि वे मिड-डे मील परोसने से पहले भोजन की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करें ताकि बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन मिल सके।