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सीईटी परीक्षा के नियमों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

हरियाणा सरकार व कर्मचारी चयन आयोग को बड़ी राहत
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चंडीगढ़, 9 जून (ट्रिन्यू)

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार व कर्मचारी चयन आयोग को एक बड़ी राहत देते हुए सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) के नियमों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कैथल निवासी एक नाबालिग अभ्यर्थी प्रभजीत सिंह की ओर से दाखिल की गई याचिका में दावा किया है कि उसे उम्र की 33 दिन की कमी के कारण परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया गया है, जबकि वह अन्य सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी करता है।

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प्रभजीत सिंह की ओर से अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2023 में दसवीं और वर्ष 2025 में बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिससे वह सीईटी परीक्षा के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता (10 जमा 2) पूरी करता है। इसके बावजूद, हरियाणा सरकार द्वारा 31 दिसंबर 2024 को जारी सीईटी पालिसी और 26 मई 2025 की विज्ञप्ति के तहत यह शर्त रखी गई है कि जिस आवेदक की उम्र निर्धारित न्यूनतम सीमा (18 वर्ष) से कम है, वह आवेदन करने के लिए अयोग्य माना जाएगा।

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि प्रभजीत की आयु आवेदन की अंतिम तिथि 12 जून 2025 को 17 वर्ष 10 महीने 20 दिन थी, यानी वह केवल 33 दिन कम है। ऐसे में उसे केवल उम्र की तकनीकी कमी के आधार पर परीक्षा में बैठने से रोकना न्यायोचित नहीं है।

सोमवार को इस मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए हरियाणा के एडीशनल एडवोकेट जनरल संजीव कौशिक ने कहा कि यह केवल पात्रता परीक्षा नहीं अपितु चयनित परीक्षा है। इस परीक्षा के आधार पर ही रिक्त पदों के अनुसार उम्मीदवारों का चयन होगा। सरकार की तरफ से कोर्ट के सामने कुछ कोर्ट के फैसलों की कापी भी पेश की गई। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

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