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Panipat लग्जरी कारों के शौकीनों को निशाना बनाता था ‘स्मार्ट चोर गिरोह’

दिल्ली पुलिस का सिपाही निकला मास्टरमाइंड, पानीपत पुलिस ने किया बड़े नेटवर्क का खुलासा बिजेंद्र सिंह/हमारे प्रतिनिधि पानीपत, 13 अप्रैल  घर के बाहर खड़ी चमचमाती लग्जरी गाड़ी आपको भले ही सुरक्षा में खड़ी लगे, लेकिन तकनीक के माहिर चोरों के...
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दिल्ली पुलिस का सिपाही निकला मास्टरमाइंड, पानीपत पुलिस ने किया बड़े नेटवर्क का खुलासा

बिजेंद्र सिंह/हमारे प्रतिनिधि

पानीपत, 13 अप्रैल 

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घर के बाहर खड़ी चमचमाती लग्जरी गाड़ी आपको भले ही सुरक्षा में खड़ी लगे, लेकिन तकनीक के माहिर चोरों के लिए वह सिर्फ एक क्लिक दूर है। टैब में सॉफ्टवेयर, एक पेचकश और कुछ सेकंड का वक्त... और गाड़ी गायब।

पानीपत पुलिस ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो बिल्कुल इसी तरह हाईटेक अंदाज में गाड़ियों पर हाथ साफ करता था। गिरोह का सरगना कोई पेशेवर बदमाश नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस का एक सिपाही निकला।

सोनीपत से दबोचा गया मास्टर चोर आसीम

गिरोह के एक सदस्य आसीम निवासी किठौर, मेरठ (उत्तर प्रदेश) को पानीपत पुलिस की एवीटी सेल ने गत सोमवार को सोनीपत के कामी चौक के पास से दबोच लिया।

प्रेसवार्ता में डीएसपी राजबीर सिंह ने बताया कि आसीम से की गई गहन पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। आरोपी ने कबूल किया कि वह पिछले चार महीनों से पानीपत और दिल्ली में मिलकर कुल 20 लग्जरी गाड़ियों की चोरी कर चुका है — जिसमें पानीपत की 2 और दिल्ली की 18 वारदातें शामिल हैं।

पुलिस की वर्दी में गुनहगार: सिपाही अजय बना मास्टरमाइंड

पूछताछ में यह भी सामने आया कि इस गिरोह को गठित करने में दिल्ली पुलिस का सिपाही अजय प्रमुख भूमिका में था। आसीम और अजय की मुलाकात 2024 में दिल्ली पुलिस की एटीएस सेल के जरिए हुई थी।

तब आसीम चोरी के एक मामले में गिरफ्तार होकर जेल पहुंचा था और अजय बतौर पुलिसकर्मी उससे ड्यूटी के दौरान मिला करता था। बातचीत का सिलसिला दोस्ती में बदला और अक्तूबर 2024 में जब आसीम जमानत पर बाहर आया, तो अजय ने उसे गिरोह में शामिल कर लिया।

चोरी की स्टाइल: रेकी, शीशा तोड़ना और टैब से स्टार्ट

गिरोह रात के अंधेरे में निकलता और सेक्टरों व पॉश कॉलोनियों में घूमकर ऐसे घरों को चिन्हित करता जहां लग्जरी गाड़ियां बाहर खड़ी मिलें।

फिर गिरोह का कोई सदस्य गाड़ी के पास जाकर ड्राइवर साइड का शीशा पेचकश से तोड़ता और टैबलेट में इंस्टॉल विशेष सॉफ्टवेयर से गाड़ी स्टार्ट कर भाग जाते।

यह गिरोह मुख्य रूप से फॉर्च्यूनर, हुंडई वेन्यू, बलेनो, बरेजा व करेटा जैसी गाड़ियों को निशाना बनाता था।

पानीपत में दो वारदातें

गिरोह ने पानीपत में मॉडल टाउन से एक फॉर्च्यूनर और देशवाल चौक से हुंडई वेन्यू चोरी की। जब आरोपी पानीपत से हुंडई वेन्यू लेकर फरार हो रहे थे, तब बिंझौल गांव के पास गाड़ी का डीजल खत्म हो गया, जिससे वे गाड़ी को वहीं छोड़कर भाग खड़े हुए।दिल्ली में अलग-अलग स्थानों से 18 लग्जरी गाड़ियां चोरी की गईं।

इस गिरोह का एक अन्य सदस्य गौरव पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। उसे 18 फरवरी को एवीटी सेल ने पानीपत रिफाइनरी के पास से गिरफ्तार किया था।

उसके कब्जे से एक लोडेड देसी पिस्तौल और दिल्ली से चोरी की गई बलेनो कार बरामद की गई थी। रिमांड के दौरान उससे एक और बरेजा कार भी बरामद की गई।

आरोपी आसीम ने खुलासा किया कि चोरी की गई गाड़ियों को कॉलोनियों में छिपाकर खड़ा किया जाता था। मौका मिलते ही इन्हें मेरठ निवासी वसीम नामक व्यक्ति को बेच दिया जाता था।

गिरफ्तारी के समय आसीम के पास से दिल्ली से चोरी की गई करेटा कार भी बरामद की गई।

51 मामले पहले से दर्ज, अब फिर जेल भेजा गया

दिल्ली और गुरुग्राम में आरोपी आसीम के खिलाफ पहले से ही वाहन चोरी के 51 मुकदमे दर्ज हैं।

रविवार को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस अब अन्य फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

वर्दी की आड़ में जुर्म का नेटवर्क

सिपाही अजय, जो दिल्ली पुलिस की एटीएस टीम में तैनात था, ने आरोपी आसीम से दोस्ती कर उसे जेल से बाहर आने के बाद गिरोह में शामिल किया। इसके बाद अजय खुद भी चोरी में शामिल हो गया और गिरोह का संचालन शुरू किया।

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