हिसार 5 जून (हप्र)
करीब तीन साल पहले हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में जींद के तत्कालीन डीएसपी कप्तान सिंह के गनमैन द्वारा कथित रूप से पिस्तौल से गोली मारकर अपनी पत्नी की हत्या करने के मामले में जांच कर रहे हिसार के एसपी गंगाराम पूनिया ने नया खुलासा करते हुए अदालत से कहा कि सरकारी पिस्तौल जमा करवाने वाले कोथ (शस्त्रागार) रजिस्टर में ओवरराइटिंग मिली है। कोथ प्रभारी ईएसआई सतीश कुमार और पिस्तौल जमा करवाने वाला डीएसपी का दूसरे गेनमैन कांस्टेबल कुलदीप इनसे संबंधित सवालों का सही जवाब नहीं दे रहे हैं। हालांकि दोनों नार्को टेस्ट और ब्रैन मैपिंग टेस्ट के लिए तैयार है। इस पर अदालत ने दोनों के नार्को व ब्रैन मैपिंग टेस्ट के लिए मंजूरी दे दी है।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता मनमोहन राय ने बताया कि हिसार शहर थाना पुलिस ने गत 16 अप्रैल, 2020 को भिवानी के गोकलपुरा गांव निवासी विकास की शिकायत पर जींद के तत्कालीन डीएसपी कप्तान सिंह के पीएसओ पुलिस कांस्टेबल भिवानी के देवास गांव निवासी विक्रम के खिलाफ अपनी पत्नी रिंकू की हत्या करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। पुलिस ने जांच में बताया कि महिला की हत्या लकड़ी के सोटे से हुई जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों के बोर्ड ने कहा कि यह हत्या गोली मारकर की गई है और मृतका के शरीर पर गोली लगने के निशान भी हैं। इसके बाद से पुलिस आज तक यह नहीं पता लगा पाई है कि यह यह हत्या किस पिस्तौल से की गई थी। अब नार्को व ब्रैन मैपिंग टेस्ट करवाकर अंतिम जांच रिपोर्ट जमा करवाने के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत की अदालत ने जांच एजेंसी को 4 जुलाई तक का आखिरी मौका दिया है।
सरकारी पिस्तौल से चली थी गोली
पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने अब तक की गई प्राथमिक जांच के बारे में अदालत को बताया कि जींद के कोथ से आरोपी विक्रम को सरकारी 9 एमएम पिस्तौल जारी किया गया था। वह 12 अप्रैल, 2020 से छुट्टी पर था। विक्रम के साथी गनमैन कुलदीप ने विक्रम को जारी किया गया पिस्तौल 16 अप्रैल, 2020 को हत्या के दिन ही जमा करवाया । यह पता लगने के बाद 13 अप्रैल, 2023 को कुलदीप के लिखाई का सैंपल लिया गया और जांच के लिए एफएसएल भेज दिया गया। इस पिस्तौल को पुलिस ने 24 फरवरी, 2023 को ही कब्जे में ले लिया था और 1 मार्च, 2023 को जांच के लिए एफएसएल भेज दिया। जांच के दौरान सरकारी हथियार को जारी करने और जमा करवाने के जींद पुलिस के रजिस्टर को भी हिसार पुलिस ने 12 अप्रैल, 2023 को कब्जे में ले लिया। एफएसएल रिपोर्ट में सामने आया है कि पिस्तौल चालू हालत में है और उससे फायरिंग भी हुई है लेकिन फायरिंग कब हुई, इसका पता नहीं लगाया जा सकता। इसके बाद जींद पुलिस अधीक्षक को 13 अप्रैल, 2023 को पत्र लिखकर उपरोक्त हथियार से हुई अंतिम फायरिंग की रिपोर्ट मांगी जिसकी विस्तृत रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। जांच में यह भी पता चला कि मृतका महिला के शरीर पर गोली लगने के जो घाव थे, वह 9 एमएम पिस्तौल की गोली से हो सकते हैं। इसी प्रकार जांच के दौरान जींद के धिगताना गांव निवासी वजीर को 15 अप्रैल, 2023 को जांच में शामिल किया गया और 18 अप्रैल, 2023 को उसको पूछताछ के लिए दुबारा बुलाया गया।
अधिकारी पूरी नहीं कर पाए जांच
- इस मामले के शुरुआती जांच अधिकारियों को विभागीय जांच में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया।
- डीएसपी अभिमन्यु लोहान को जांच सौंपी, लेकिन वे दो साल की अवधि में भी निर्णायक जांच नहीं कर पाए।
- इसके बाद अदालत के आदेश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस पूजा वशिष्ठ को 28 अक्तूबर, 2022 को यह जांच सौंपी। उन्होंने समय-समय पर स्टेटस रिपोर्ट भी अदालत में जमा करवाई लेकिन करीब पांच माह में वह मामले में निर्णायक रिपोर्ट फाइल करने में विफल रही।
- अब हिसार पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच शुरू की है।