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नौकरियों में सिर्फ हरियाणा के युवाओं को मिलेगा आरक्षण

सीधी भर्ती के मामलों में सीईटी स्कोर के आधार पर भरे जाएंगे तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सभी पद
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सरकार ने अधिसूचित किए तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों पर भर्ती के नियम

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चंडीगढ़, 15 जुलाई (ट्रिन्यू)

हरियाणा के सभी सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों, सरकारी कंपनियों और स्वायत्त संस्थानों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती में आरक्षण का लाभ सिर्फ हरियाणा मूल के युवाओं को ही मिलेगा। पुलिस कांस्टेबल और शिक्षकों सहित सभी पदों पर भर्तियां सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) के स्कोर के आधार पर होंगी। अगर कोई अभ्यर्थी पेपर लीक या परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते पकड़ा गया तो उसे कभी सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। ऐसे अभ्यर्थी की दावेदारी निरस्त करने के साथ ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा भविष्य में आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती के नियम अधिसूचित कर दिए हैं। सभी विभाग तृतीय श्रेणी पदों के लिए अपनी मांग सीधे हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजेंगे, जबकि चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए मांग मानव संसाधन विभाग के निदेशालय को भेजनी होगी। बोर्ड और निगम अपनी मांगें हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को अलग से भेजेंगे। विज्ञापन जारी होने पर एचएसएससी अभ्यर्थियों से इलेक्ट्रानिक रूप से आवेदन मांगेगा, जिन्होंने अनारक्षित श्रेणी में सीईटी में 50 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणी में 40 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों।

सीईटी के अंक तीन साल के लिए मान्य होंगे। इस दौरान यदि किसी आवेदक की आयु विज्ञापित पद के लिए निर्दिष्ट ऊपरी आयु सीमा से अधिक हो जाती है तो उसे लिखित या कौशल परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तृतीय श्रेणी पदों के लिए पुलिस और शिक्षकों को छोड़कर पदों की तुलना में दस गुणा अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। पुलिस भर्ती में एनसीसी के अंक भी जुड़ेंगे। शिक्षक पद के लिए हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा, लेकिन लिखित परीक्षा की मेरिट सूची तैयार करने में एचटेट के अंक मान्य नहीं होंगे।

नई नीति के मुताबिक कर्मचारी चयन आयोग किसी भी परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित करने से पहले वेबसाइट पर उत्तर कुंजी प्रकाशित कर आपत्तियां मांगेगा। आपत्ति सही मिली तो उत्तर कुंजी को संशोधित किया जाएगा। किसी प्रश्न या उसके उत्तर की सत्यता का निर्णय करने के लिए राज्य विश्वविद्यालयों जैसे संस्थानों से विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी।

तीन महीने में संभालना होगा पदभार

चयनित युवाओं को तीन महीने में पदभार संभालना होगा। अन्यथा उसे समान वेतन स्तर के पद पर तब तक चयनित नहीं किया जाएगा, जब तक कि वह नए सिरे से सीईटी में शामिल होकर मेरिट में न आ जाए। रिक्त पद पर प्रतीक्षा सूची के युवाओं को नियुक्ति दी जाएगी। इतना ही नहीं, कर्मचारी चयन आयोग किसी भी समय अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक डेटा प्राप्त करने में सक्षम होगा। परीक्षा के समय और किसी अन्य चरण में लिए गए बायोमेट्रिक डेटा में विसंगति होने की स्थिति में अभ्यर्थी की दावेदारी को रद कर भविष्य की परीक्षाओं से भी वंचित कर दिया जाएगा।

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