Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

जल संचयन के लिये शहर के तालाबों व कृत्रिम झीलों का पुनर्विकास करें अधिकारी : राव इंद्रजीत

मानसून से पूर्व जल निकासी के कार्यों की केंद्रीय मंत्री ने की समीक्षा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
गुरुग्राम में जल निकासी के कार्यों की समीक्षा करते मंत्री राव इंद्रजीत सिंह। -हप्र
Advertisement

गुरुग्राम, 21 मई (हप्र)

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बुधवार को गुरुग्राम में मानसून के समय जल निकासी को लेकर की जा रही पूर्व आवश्यक तैयारियों की समीक्षा हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में शहर व गुरुग्राम से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर जल निकासी की व्यवस्था, जलाशयों के जीर्णोद्धार, नजफगढ़ ड्रेन के विकास कार्य, बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

Advertisement

केंद्रीय मंत्री ने बैठक से पूर्व एंबियंस मॉल तथा सेक्टर-15 पार्ट-2 में झाड़सा बंध के साथ स्थित रिहायशी क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया और वहां किए जा रहे जलनिकासी के प्रबंधों को देखा। बैठक में डिविजनल कमिश्नर रमेश चंद्र बीढांन, डीसी अजय कुमार, निगम आयुक्त गुरुग्राम प्रदीप दहिया व निगम आयुक्त मानेसर आयुष सिन्हा समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजू रहे। केंद्रीय मंत्री ने आगामी बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की। मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बैठक में निर्देश दिया कि शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जलनिकासी प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए तथा सभी नालों और ड्रेनों की समय पर सफाई सुनिश्चित की जाए। मंत्री ने कहा कि गुरुग्राम प्रदेश की आर्थिक राजधानी होने चलते यहां जलभराव जैसी परिस्थितियां वैश्विक स्तर पर भी शहर की छवि को प्रभावित करती है। जिले में ऐसे अधिकारी जो पिछले कुछ सालों से इस समस्या के निवारण की दिशा में काम कर रहे हैं, वे नए अधिकारियों को इसकी विस्तृत जानकारी देने के साथ बेहतर समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शहर में जल निकासी के लिए प्रत्येक क्षेत्र में संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।

मंत्री ने गुरुग्राम में जल संरक्षण और भूजल स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से कृत्रिम झीलों और तालाबों के पुनर्विकास के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नगर निगम और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए शहर के जल निकासी प्रणाली को सुधारने और उसे झीलों व तालाबों से जोड़ने की योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम से अवरोधों को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि चेक डैम, तालाबों और जैसे पारंपरिक जल संरक्षण संरचनाओं को पुनर्जीवित करने से भूजल पुनर्भरण में वृद्धि हो सकती है। बैठक में गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा, एचएसवीपी की प्रशासक वैशाली सिंह, जिला परिषद के सीईओ जगनिवास, डीटीपी प्लानिंग प्रवीण चौहान, डीटीपी एन्फोर्समेंट अमित मधोलिया, एसई इरिगेशन भीम सिंह, एसई जीएमडीए सुधीर रांसीवाल व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Advertisement
×