चंडीगढ़, 23 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा के विधायकों की अनदेखी करना अब अधिकारियों को महंगा पड़ेगा। विधायकों के फोन नहीं उठाने और उनकी अनदेखी करने वाले अफसरों के खिलाफ लोकसभा की तर्ज पर कार्रवाई होगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने लोकसभा पैटर्न पर विधानसभा की विशेष कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियम-204 के तहत गठित की है।
कमेटी प्रोटोकॉल मानदंडों के उल्लंघन और सदस्यों के साथ सरकारी अधिकारियों के अवमानना व्यवहार की जांच के बाद कार्रवाई की अनुशंसा देगी। अम्बाला सिटी विधायक असीम गोयल कमेटी के चेयरमैन होंगे। रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा, पानीपत शहर से विधायक प्रमोद विज, राई से विधायक मोहन लाल बड़ौली, बरवाला से जोगीराम सिहाग, फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, पृथला से नयन पाल रावत और सढ़ौरा विधायक रेणु बाला को कमेटी का सदस्य बनाया है।
यहां बता दें कि विधायकों के विशेषाधिकार की रक्षा के लिए विधानसभा में पहले से विशेषाधिकार समिति गठित है। कुछ वर्षों से विधायकों की शिकायतें आईं, जिनमें उनकी अवमानना तो हुई, लेकिन ये मामले विशेषाधिकार के दायरे में नहीं आए। इसके चलते अनेक अफसर बच जाते हैं। ऐसे मामले में प्रभावी कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने प्रोटोकॉल संबंधी विशेष कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के साथ आधिकारिक व्यवहार के संबंध में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रोटोकॉल मानदंडों के उल्लंघन संबंधी मामलों पर संज्ञान लेगी।
विधानसभा सचिवालय की ओर से बृहस्पतिवार को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसके तहत अब विधानसभा सदस्यों से प्राप्त फोन कॉल या अन्य माध्यम से किए गए संचार को अनदेखा नहीं किया जा सकेगा। ऐसे संचार पर तुरंत ध्यान देकर बिना विलंब किए जवाब देना होगा। आधा-अधूरा जवाब देना भी प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जाएगा। एमएलए को उनके हलकों में होने वाले सार्वजनिक समारोहों में आमंत्रित न करना भी प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा।
निमंत्रण पत्र में भी विधायकों के नाम का उल्लेख करना होगा। सदस्यों के पास निमंत्रण पत्र पहुंचने में देरी होने पर अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। इतना ही नहीं, सार्वजनिक समारोह में उनके लिए बैठने की समुचित व्यवस्था भी करनी होगी। विधायकों द्वारा जनहित के मुद्दों पर संबंधित विभागों को की गई टेलीफोन कॉलों पर तत्काल ध्यान देना होगा।
विधानसभा के सचिव को देनी होगी शिकायत
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार या प्रोटोकॉल के उल्लंघन की किसी भी घटना के संबंध में विधायकों को विधानसभा के सचिव के नाम लिखित रूप में शिकायत देनी होगी। शिकायत के साथ सहायक दस्तावेजी साक्ष्य भी लगाने होंगे। शिकायत पर प्रथम दृष्टया अगर ऐसा लगता है कि प्रोटोकॉल मानदंडों के उल्लंघन का मामला बनता है, तो अध्यक्ष मामले को जांच और रिपोर्ट के लिए समिति को भेज सकते हैं। अध्यक्ष को इस पर निर्णय लेने के लिए मामले को सदन के समक्ष लाने की आवश्यकता नहीं है।