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कांग्रेस के दिग्गजों में अब सीएम पद को लेकर घमासान

सैलजा ने लोकसभा चुनाव में टिकट आवंटन पर उठाए सवाल तो प्रदेश अध्यक्ष ने दी नसीहत
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भूपेंद्र हुड्डा
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 14 जून

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हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस दिग्गजों में फिर से टकराव शुरू हो गया है। 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लोकसभा की दस में से पांच सीटों पर जीत हासिल की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा से नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा का मानना है कि कांग्रेस इससे बेहतर नतीजे ला सकती थी। लेकिन टिकट आवंटन का फैसला सही नहीं हुआ, उन्होंने प्रत्याशियों के चयन पर सवाल उठाए हैं।

सैलजा के आरोपों के बाद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने पलटवार किया है। उन्होंने सैलजा को मीडिया में कुछ भी बोलने की बजाय पार्टी के सीनियर नेताओं से बात करने और पार्टी प्लेटफार्म पर अपनी बात रखने की नसीहत दी है। प्रदेश में चूंकि सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा के आमचुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अभी से खिंचतान शुरू हो गई है।

राज्य में लोकसभा की दस सीटों में से कुरुक्षेत्र सीट इंडिया गठबंधन के चलते आम आदमी पार्टी (आप) के हिस्से आई थी। आप ने कुरुक्षेत्र से पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ सुशील गुप्ता को चुनाव लड़वाया। बाकी की नौ सीटों में से सिरसा से पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को चुनाव मैदान में उतारा। वहीं आठ सीटों पर प्रत्याशियों का फैसला पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद से हुआ। हुड्डा के कहने से जिन आठ नेताओं को टिकट दिया गया, उनमें से चार जीत हासिल करने में कामयाब रहे।

रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा, हिसार से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’, सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी और अंबाला से वरुण चौधरी चुनाव जीतने में सफल रहे। वहीं करनाल से दिव्यांशु बुद्धिराजा भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह, फरीदाबाद से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह तथा गुड़गांव से पूर्व सांसद व फिल्म अभिनेता राज बब्बर चुनाव नहीं जीत सके। हालांकि राव दान सिंह लगभग चालीस हजार और राज बब्बर 75 हजार के लगभग मतों के अंतर से ही चुनाव हारे हैं। दिव्यांशु बुद्धिराजा और महेंद्र प्रताप सिंह की हार का अंतर काफी अधिक है। सैलजा ने राज बब्बर और सतपाल ब्रह्मचारी को बाहरी बताते हुए कहा कि स्थानीय नेताओं को टिकट मिलनी चाहिए थी। गुड़गांव में जहां उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव को टिकट दिए जाने की वकालत की है। वहीं हिसार से जयप्रकाश की जीत के बाद भी सैलजा का मानना है कि यहां से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई को अगर टिकट मिलती तो जीत का अंतर काफी अधिक होता। साथ ही, उनका कहना है कि सतपाल ब्रह्मचारी की जगह सोनीपत से पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह या उनके बेटे व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को टिकट मिलना चाहिए था।

प्रदेशाध्यक्ष ने किया पलटवार

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कुमारी सैलजा के बयान पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि उन्हें (सैलजा) को जो भी बात कहनी है या करनी है वे पार्टी प्लेटफार्म पर करें। पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बातचीत करें। उदयभान ने कहा – टिकट वितरण बेहतर हुआ था तभी तो हरियाणा में कांग्रेस का ग्राफ भी बढ़ा है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है और पार्टी लोकसभा की पांच सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई है। उदयभान ने कहा – कुमारी सैलजा को इस तरीके से मीडिया या फिर पब्लिक प्लेटफार्म में बयान नहीं देने चाहिए। प्रदेशाध्यक्ष ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 70 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगी और सरकार बनाएगी।

असली लड़ाई मुख्यमंत्री की

लोकसभा की पांच सीटों पर जीत के बाद कांग्रेसियों का मनोबल बढ़ा है। कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को विधानसभा में अच्छे नतीजों और सरकार बनने की उम्मीद है। राज्य में कांग्रेस पिछले दस वर्षों से सत्ता से बाहर है। मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस दिग्गजों की लड़ाई पुरानी चली आ रही है। हुड्डा खेमा जहां पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रोजेक्ट कर रहा है। वहीं कुमारी सैलजा भी खुद को मुख्यमंत्री पद की दावेदार बता चुकी हैं। राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के समर्थक भी इस मामले में पीछे नहीं हैं।

एससी-बीसी और गरीबों को शिक्षा से वंचित कर रही भाजपा : हुड्डा

भाजपा नीतिगत साजिश के तहत हरियाणा के शिक्षा तंत्र को बर्बाद कर रही है। उसका मकसद एससी, ओबीसी और गरीबों को शिक्षा से वंचित करना है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा शिक्षण संस्थाओं में खाली पड़े पदों और फीस बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के नाम पर एमडीयू में 5 गुना तक फीस बढ़ा दी गई। फीस बढ़ोत्तरी के नाम पर विद्यार्थियों से खुली लूट की जा रही है। उन्होंने फीस बढ़ोतरी के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस की जिस नीति ने हरियाणा को शिक्षा का हब बनाया था, भाजपा उसे नुकसान पहुंचा रही है।

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