चंडीगढ़, 23 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को अब 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिकाओं में वाइस-चेयरमैन (उपाध्यक्ष) पद के लिए जोर लगाना होगा। निकायों में अध्यक्ष के चुनाव डायरेक्ट होते हैं। उपाध्यक्ष का फैसला चुने हुए पार्षद करते हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों को शहरों में अपनी पसंद के उपाध्यक्ष बनवाने के लिए जोर लगाना होगा। कारण साफ है, बड़ी संख्या में वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता है।
इन 46 निकायों में कुल 888 पार्षदों के लिए चुनाव हुआ। 887 वार्डों के नतीजे बुधवार को जारी हो चुके हैं। जींद के सफीदों नगर पालिका के वार्ड नंबर-8 में मतदान के लिए इस्तेमाल की गई ईवीएम में तकनीकी खराबी की वजह से यहां के नतीजे घोषित नहीं हुए। शुक्रवार को इस वार्ड में दोबारा से मतदान होगा और इसके बाद नतीजे आएंगे। घोषित 887 वार्डों में 815 जगह निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। यानी 92 प्रतिशत वार्डों में आजाद प्रत्याशियों का जलवा देखने को मिला। सत्तारूढ़ भाजपा ने 136 वार्डों में ही अपने पार्टी सिम्बल पर उतारे थे। इनमें से केवल 60 ही वार्डों में भाजपा को जीत हासिल हुई। यहां बता दें कि भाजपा ने नगर परिषद में अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार घोषित किए थे। यहां वार्डों के चुनाव का फैसला जिला इकाइयों पर छोड़ा था। इसी तरह से पालिकाओं के चुनावों का फैसला जिला यूनिट पर छोड़ा था। इसी वजह से कम ही वार्डों में सिम्बल पर भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़े। गठबंधन सहयोगी जजपा ने एक भी वार्ड में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा।
आम आदमी पार्टी ने 133 वार्डों में उम्मीदवार उतारे थे और केवल पांच जगहों पर ही जीत हासिल हुई। इससे अच्छा प्रदर्शन इनेलो का रहा। इनेलो ने 23 वार्डों में सिम्बल पर उम्मीदवार उतारे और छह जगहों पर जीत दर्ज की। बहुजन समाज पार्टी ने 3 ही वार्डों में उम्मीदवार उतारे थे और उनका एक वार्ड पार्षद चुनाव जीतने में सफल रहा।
सफीदों नगर पालिका के वार्ड 8 से भी निर्दलीय ही पार्षद बनेगा। चूंकि इस वार्ड में पिंकी रानी और मधु रानी दोनों निर्दलयी उम्मीदवार हैं। ऐसे में निर्दलीय पार्षदों की संख्या 816 हो जाएगी।