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अब चौटाला के गढ़ में दम दिखाएंगे हुड्डा पिता-पुत्र

24 को सिरसा में ‘किसान-मजदूर जनआक्रोश रैली’
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 2 दिसंबर

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हरियाणा के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निशाने पर इस बार बागड़ी बेल्ट है। राजस्थान व पंजाब से सटे सिरसा जिले में वे दमखम दिखाने को तैयार हैं। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन और इसमें जान गंवाने वाले 700 से अधिक किसानों की याद में हुड्डा ने 24 दिसंबर को सिरसा में ‘किसान-मजदूर जनआक्रोश रैली’ करने का ऐलान किया हुआ है।

इस रैली को कामयाब बनाने के लिए राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने मोर्चा संभाल लिया है। दीपेंद्र अब खुलकर प्रदेश की राजनीति में बैटिंग कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सभी नब्बे हलकों में जनआक्रोश रैलियां करने का ऐलान किया हुआ है। इन रैलियों का आगाज़ पहली नवंबर को रादौर हलके की रैली से हो चुका है। इसी कड़ी में सिरसा में यह बड़ी रैली हो रही है। रैली की तैयारियों और इसके लिए लोगों को आमंत्रित करने का काम दीपेंद्र ने खुद अपने हाथों में लिया हुआ है।

रैली को लेकर वे विगत दिवस सिरसा िजला के कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक ले चुके हैं। दीपेंद्र ने सिरसा जिला के सभी हलकों में लोगों तक पहुंचने का प्लान बनाया है। इसके तहत वे एक सप्ताह से भी अधिक समय सिरसा में लगाने वाले हैं। वर्करों की बैठक के बाद अब 9 व 10 दिसंबर को भी दीपेंद्र का सिरसा का ही कार्यक्रम है। 24 दिसंबर की रैली से पहले उनके और भी कई दौरे सिरसा में होंगे। इस रैली के जरिये कांग्रेस जहां अपनी राजनीति ताकत दिखाएगी वहीं सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को भी घेरा जाएगा। सिरसा को इनेलो सुप्रीमो और पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के प्रभाव वाला एरिया माना जाता है। इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला की हरियाणा परिवर्तन यात्रा को भी सबसे बढ़िया रिस्पांस उनके खुद के गृह जिला में ही मिला था। अभय चौटाला प्रदेशभर में अपने खोये जनाधार और पुराने वर्करों को साथ जोड़ने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं वे जजपा में गए इनेलो के पुराने लोगों को भी साथ लाने की जुगत में हैं ताकि पार्टी वर्करों का मनोबल बढ़ाया जा सके।

चौटाला के इसी गढ़ पर हुड्डा की भी नजरें हैं। हुड्डा को सिरसा जिला ही नहीं पूरे पार्लियामेंट से उम्मीदें हैं। वर्तमान में भी सिरसा जिला की पांच में से दो सीटों – डबवाली और कालांवाली में कांग्रेस विधायक हैं। वहीं सिरसा शहर से हलोपा के गोपाल कांडा, ऐलनाबाद से इनेलो के अभय सिंह चौटाला और रानियां से देवीलाल पुत्र चौ. रणदीप सिंह निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा 2019 के विधानसभा चुनावों में भी यहां खाता नहीं खोल पाई थी। अंबाला संसदीय क्षेत्र के अलावा सैलजा सिरसा में भी काफी एक्टिव हैं। इस लिहाज से भी हुड्डा खेमे का यह आयोजन काफी अहम हो गया है।

बहरहाल, रैली के बहाने दीपेंद्र हुड्डा जहां सिरसा जिला के लोगों से सीधे संवाद कर रहे हैं, वहीं वे विभिन्न दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी अपने साथ जोड़ रहे हैं। आगामी चुनावों में दीपेंद्र हुड्डा को सिरसा इलाके से अच्छे नतीजे आने की उम्मीद है। इससे पहले भी दीपेंद्र कई बार सिरसा में सक्रिय हो चुके हैं।

सिरसा है पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के प्रभाव का इलाका

माना जा रहा है कि हुड्डा ने सिरसा में किसान-मजदूर जनआक्रोश रैली इसीलिए रखी है ताकि वे यहां अपनी राजनीतिक ताकत दिखा सकें। दिल्ली बार्डर पर करीब सालभर चले किसान आंदोलन में भी सबसे ज्यादा भागीदारी पंजाब की ही रही। सिरसा जिला, पंजाब से सटा हुआ है। कांग्रेस की इस रैली को कामयाब बनाने के लिए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पूरी ताकत झोंकी हुई है। सिरसा को पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के प्रभाव का भी इलाका माना जाता है।

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