दलेर सिंह/हप्र
जींद, 26 मार्च
उचाना में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को अपने जन्मदिन पर आयोजित जन सरोकार कार्यक्रम में बयान दिया था कि 2002 में उनकी बेटी की शादी में एक सीएम द्वारा विधायकों को आने से रोका गया। राजनीति में ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा करने वाले नेताओं को लोग विधायक और सांसद बनाएंगे तो राजनीति और भी गर्त में जाएगी। चौधरी बीरेंद्र सिंह के इस बयान को लेकर प्रदेश में सियासी विवाद खड़ा हो गया, क्योंकि जिस समय चौधरी बीरेंद्र सिंह यह भाषण दे रहे थे उस समय इनेलो नेता अभय चौटाला मंच पर विराजमान थे। चूंकि जिक्र 2002 में मुख्यमंत्री का आया तो उस समय इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। जजपा ने चौधरी बीरेंद्र सिंह को उनके दिए बयान पर माफी मांगने को कहा। शनिवार को इस मामले को लेकर चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके बेटे की शादी 6 मार्च 1999 में हुई थी। भाषण में वर्ष का सही उल्लेख नहीं हो पाया। उस प्रसंग का जिक्र उन्होंने किसी नेता विशेष को टारगेट करने के लिए नहीं किया था, बल्कि इस तरह के राजनीतिक सिस्टम पर सवाल खड़ा किया था।