सीईटी की परीक्षा में लागू होगा नॉर्मलाइजेशन फार्मूला
अभ्यर्थियों के स्कोर और रैंकिंग को प्रभावित करेगा नया फार्मूला
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 12 जुलाई
हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट 2025 की परीक्षा में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू किया जाएगा। आयोगज के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने शुक्रवार को देररात यह जानकारी दी। इस बार सीईटी के लिए 13 लाख 48 हजार 697 युवाओं ने पंजीकरण करवाया है। प्रदेश में सीईटी की परीक्षा 26 व 27 जुलाई को चार चरणों में आयोजित की जाएगी।
आयोग ने दो से ज्यादा शिफ्टों में परीक्षा होने के कारण ये फॉर्मूला लागू किया है। इसके तहत सभी कैंडिडेट्स के नंबर पेपर की कठिनाई के अनुसार नंबरों को बराबर करने के लिए इस फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाएगा। नॉर्मलाइजेशन एक ऐसा फॉर्मूला है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न शिफ्टों में होने वाली परीक्षा में किया जाता है। इस फॉर्मूले में परीक्षा के अंकों को समान स्तर पर लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इससे एजेंसी यह सुनिश्चित करती है कि सभी छात्रों को समान अवसर मिले, भले ही उनकी परीक्षा का स्तर अलग हो। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले की जरूरत तब पड़ती है, जब कोई एग्जाम एक से ज्यादा शिफ्ट्स में आयोजित की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर शिफ्ट का पेपर अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को आसान और कुछ छात्रों को कठिन पेपर मिल सकता है।
नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला इन अंतरों को दूर करने में मदद करता है और सभी छात्रों को समान स्तर पर आंकने में मदद करता है। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले में पेपर की कठिनता तय करने के लिए कुछ विधियां प्रयोग की जाती हैं। इनमें से एक विधि में, परीक्षा के अलग-अलग शिफ्ट या दिनों के पेपरों के कठिनाई स्तर की तुलना करके देखा जाता है कि कौन सा पेपर अधिक कठिन था।
दूसरा तरीका यह है कि परीक्षा के अंकों का वितरण देखा जाता है। यदि एक शिफ्ट में अंकों का वितरण कम है, तो यह माना जाता है कि वह शिफ्ट अधिक कठिन थी। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला किसी छात्र के स्कोर और रैंकिंग को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। अपने अलग-अलग सत्रों में उम्मीदवारों की ओवरऑल परफॉर्मेंस के आधार पर किसी छात्र का रॉ स्कोर हाई या लो नॉर्मलाइजेशन स्कोर में बदल सकता है।
इससे पहले वर्ष 2022 में हुई सीईटी परीक्षा के दौरान भी नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है। 2022 में कमीशन ने भर्ती परिणाम जारी करते समय इसे अपनाया था। कमीशन ने उस समय तर्क दिया था कि अभ्यर्थियों की संख्या लाखों में होने के कारण ऐसा किया रहा है।
परीक्षार्थियों से मांगे सुझाव
कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2022 में आयोजित किए गए सीईटी के दौरान भी यह फार्मूला लागू किया गया। जिसका अभ्यर्थियों की तरफ से विरोध किया गया था। अब किसी प्रकार के विरोध से पहले ही आयोग ने शनिवार को एक गूगल फॉर्म बनाकर जारी कर दिया है। इस गूगल फॉर्म के माध्यम से प्राप्त सुझाव और समस्या का जवाब आयोग चेयरमैन हिम्मत सिंह द्वारा दिया जाएगा। आयोग ने 13 जुलाई शाम तक इस संबंध में अभ्यर्थियों से सुझाव मांगे हैं।
आयोग ने चेतावनी भी दी
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने सीईटी परीक्षा में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों से आह्वान किया है कि सीईटी 2025 परीक्षा के लिए पेपर में नकल कराने, परीक्षा पास करवाने अथवा भर्ती प्रक्रिया में चयन करवाने के लिए कोई किसी प्रकार का प्रलोभन देकर रिश्वत की मांग करता है तो ऐसे संस्था अथवा व्यक्ति के बहकावे में न आएं, बल्कि तत्काल आयोग को सूचित करें। अभ्यर्थी सोशल मीडिया के माध्यम से भी अवगत करा सकते हैं।