दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 फरवरी
हरियाणा राज्य चुनाव आयोग 48 नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनावों की तारीख का ऐलान कर विवादों में घिर गया है। राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने इन निकायों के लिए 24 अप्रैल को मतदान की घोषणा की है। इस ऐलान के बाद सत्तारूढ़ व विपक्षी दलों के नेता भी सकते में हैं। अफसरशाही में भी दिनभर यह मुद्दा चर्चाओं में रहा।
दरअसल, बिना चुनावी शेड्यूल और नोटिफिकेशन के इस तरह का ऐलान नहीं हो सकता। अगर राज्य चुनाव आयुक्त चुनाव की तारीख का ऐलान करते हैं तो उसके तुरंत बाद संबंधित एरिया में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है। बेशक, घोषणा के बाद नोटिफिकेशन जारी करने में आयोग एक-दो दिन का समय ले सकता है। मंगलवार को की गई इस घोषणा को लेकर बुधवार को जब सवाल उठे तो चुनाव आयुक्त ने इस पर सफाई दी। मंगलवार को चुनाव आयुक्त ने मीडिया से बातचीत में चुनाव की तारीख का ऐलान किया। बुधवार को पंचकूला में भी उन्होंने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने 24 अप्रैल की तारीख का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन कहा कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में 48 नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनाव हो सकते हैं।
3 पूर्व राज्य चुनाव आयुक्तों के साथ दैनिक ट्रिब्यून ने इस मुद्दे पर बात की। अहम बात यह है कि तीनों इस घटनाक्रम पर हैरान थे। वरिष्ठ आईएएस अफसर रहे चुके इन अधिकारियों ने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त द्वारा तारीख का ऐलान करने के तुरंत बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है। 22 फरवरी को चुनाव की डेट का ऐलान करने का मतलब तो यही हुआ कि सरकार को पहले से इसकी सूचना दे दी गई। एक्ट के नियमों अनुसार तो अब इसका नोटिफिकेशन भी आना चाहिए। एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि संभावित टाइम तो बताया भी जा सकता है लेकिन तारीख की घोषणा तो पूरे शेड्यूल के साथ ही होती है। ये चुनाव सरकार के साथ विपक्ष के लिए भी अहम हैं। ऐसे में बुधवार को कई मंत्रियों ने अपने निजी स्टॉफ से नोटिफिकेशन की कॉपी अरेंज करने को भी कहा। बाद में उन्हें पता लगा कि अभी कोई शेड्यूल जारी ही नहीं हुआ है।
2 माह नहीं लग सकती आचार संहिता
एक पूर्व चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग की हमेशा यही कोशिश रहती है कि चुनाव आचार संहिता की अवधि कम से कम हो। कारण साफ है, क्योंकि आचार संहिता लागू होने के बाद सभी प्रकार की गतिविधियां रुक जाती हैं। सरकार न तो कोई फैसले कर पाती है और न ही नये प्रोजेक्ट की शुरुआत हो सकती है। दो माह पूर्व चुनाव की तारीख का ऐलान आज से पहले कभी नहीं हुआ।
बदलनी पड़ सकती डेट राज्य चुनाव आयोग को अब 24 अप्रैल की डेट में भी बदलाव करना होगा। बिना शेड्यूल के चुनाव की तारीख का ऐलान करना नियमों के भी खिलाफ है।
बजट के बाद ही आएगा कार्यक्रम
दो मार्च से विधानसभा सत्र शुरू होगा। मार्च के दूसरे सप्ताह में सीएम बजट पेश करेंगे। सत्र इस बार लंबा चलेगा। माना जा रहा है कि मार्च के आखिरी या अप्रैल के पहले सप्ताह में ही निकाय चुनावों का कार्यक्रम जारी होगा।
सरकार दे चुकी हरी झंडी
इन चुनावों को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने सरकार को पत्र भी लिखा था। सरकार आयोग को हरी झंडी दे चुकी है। वर्तमान में आयोग मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने में जुटा है, जो मार्च तक पूरा होने के आसार हैं।