Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

हरियाणावी समाज में प्रचलित ‘नमक-लोटा’ भी बनेगा नशा विरोधी साइक्लोथॉन का हिस्सा

 5 से 27 अप्रैल तक जारी रहेगी नशे की बुराई के प्रति जागरूक करने की मुहिम, पानी में चुटकी भर नमक डालकर लोग लेंगे नशे से दूरी बनाने की शपथ
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 1 अप्रैल (ट्रिन्यू)

हरियाणा में नशे के खिलाफ जारी जंग को और मजबूती देने के लिए समाज में प्रचलित एक अनूठी रवायत को भी इसका हिस्सा बनाया गया है। इस दौरान लोगों को नशे से दूर रहने का संकल्प दिलाते हुए नमक की एक चुटकी पानी से भरे लोटे में डलवाई जाएगी। गौरतलब है कि समाज में लोगों को बुराई से दूर रखने को प्रेरित करने के लिए यह विधि अपनाई जाती रही है।  हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से शुरू की जा रही इस मुहिम के दौरान एक ‘नमक लोटा जत्था’ भी साथ रहेगा। 5 से 27 अप्रैल तक प्रदेशभर में नशा विरोधी साइक्लोथॉन का आयोजन किया जा रहा है। यह जत्था न केवल साइकिल यात्रा करेगा, बल्कि रास्ते में लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें नशामुक्त जीवन का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करेगा।

Advertisement

नशामुक्ति के लिए एक सांकेतिक यात्रा :

इस अभियान के दौरान नमक लोटा जत्था अपने साथ एक परंपरागत मटकी लेकर चलेगा, जिसमें रास्ते में मिलने वाले लोग एक चुटकी नमक डालेंगे और नशे से दूर रहने की शपथ लेंगे। यह अनूठा तरीका हरियाणा में पहले से चल रहे नमक लोटा अभियान से प्रेरित है, जो गांवों में सामूहिक रूप से नशामुक्ति की शपथ लेने का एक मजबूत सामाजिक माध्यम बन चुका है। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख ओ.पी. सिंह ने कहा कि यह सिर्फ एक साइकिल यात्रा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है। जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से नशे से दूर रहने की शपथ लेता है, तो यह उसकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को मजबूत करता है और समुदाय में भी सकारात्मक संदेश जाता है। यह जत्था केवल नशामुक्ति का संकल्प ही नहीं दिलाएगा, बल्कि लोगों को यह भी बताएगा कि वे नशे के अवैध व्यापार की जानकारी कैसे साझा कर सकते हैं। इसके लिए एनसीबी की हेल्पलाइन 1933, MANAS पोर्टल और कंट्रोल ब्यूरो का हेल्पलाइन नंबर 90508-91508 जारी किया गया है। अभियान का उद्देश्य जनता को नशे के खिलाफ सक्रिय भागीदार बनाना है। सिंह ने कहा, यमुना सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि इतिहास और आस्था की गवाह रही है। जब हम इसमें संकल्प का प्रतीक नमक विसर्जित करेंगे, तो यह संदेश जाएगा कि नशे से मुक्त जीवन जीने की यह प्रतिज्ञा भी उतनी ही पवित्र और अनवरत है।

हरियाणा सरकार नशे के खिलाफ तीव्र और बहुआयामी अभियान चला रही है। एक तरफ ड्रग तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो रही है, तो दूसरी ओर जागरूकता और पुनर्वास कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। ओपी सिंह ने बताया कि हमारी रणनीति सिर्फ नशा तस्करों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को सही मार्गदर्शन देने की भी है। इस अभियान का उद्देश्य केवल नशे के दुष्प्रभाव बताना नहीं, बल्कि एक ऐसा माहौल बनाना है जिसमें लोग खुद नशे को त्यागने और दूसरों को भी इससे बचाने के लिए प्रेरित हों

नशे के खिलाफ जन आंदोलन

नमक लोटा जत्था गाँवों और शहरों से गुजरेगा, तो यह सिर्फ एक दृश्य नहीं होगा—बल्कि यह एक चेतना का संदेश होगा, जो लोगों को यह सोचने पर मजबूर करेगा कि नशा सिर्फ व्यक्तिगत नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि पूरे समाज को खोखला करता है। ओ.पी. सिंह ने इस अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह किसी को शर्मिंदा करने या दंडित करने का अभियान नहीं है। यह एक नई शुरुआत करने का अवसर है। जब लोग अपने गाँवों में, अपने घरों में और अपने समाज में एकजुट होकर नशे के खिलाफ खड़े होंगे, तभी असली बदलाव आएगा।

क्या है नमक लोटा अभियान

हरियाणा के गाँवों में नमक लोटा अभियान पहले ही नशे के खिलाफ एक सफल सामाजिक पहल के रूप में उभर चुका है। यह अभियान तीन स्तरों पर प्रभावी साबित हुआ है।

सार्वजनिक संकल्प : जब कोई व्यक्ति खुलेआम नशे से दूर रहने की शपथ लेता है, तो वह अपने निर्णय पर अडिग रहने के लिए प्रेरित होता है।

सामुदायिक दबाव: यदि पूरा गाँव नशे के खिलाफ एकजुट हो जाए, तो ड्रग तस्करों के लिए वहाँ काम करना मुश्किल हो जाता है।

आध्यात्मिक विश्वास: नमक को पवित्रता और सच्चाई का प्रतीक माना जाता है। इसे मटकी में डालने से लोगों में यह विश्वास जागता है कि यदि वे नशे की ओर लौटते हैं तो समाज और ईश्वर के प्रति दोषी होंगे।

Advertisement
×