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नाबार्ड की फंडिंग बहाल हो, ऋणियों को मिले बीमा कवर

सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक कर्मियों की मांग
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सफीदों, 18 फरवरी (हप्र)

सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए बैंक कर्मचारियों ने सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी है। हरियाणा राज्य कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के कानूनी सलाहकार संजय शर्मा ने बताया कि नयी सरकार के आने के बाद बैंक की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और इसके अध्यक्ष अमरपाल राणा पूरी तरह समर्पित हैं।

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संजय शर्मा ने कहा कि अप्रैल 2018 के बाद जारी किए गए ऋणों में बैंक को 98% वसूली प्राप्त हुई है, जो कि एक रिकॉर्ड है। हालांकि, प्रदेश में इस बैंक के करीब 75% ऋण खाते एनपीए हो चुके हैं, लेकिन बैंक को आगे बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि बैंक को सबसे बड़ी चुनौती सात साल पहले बड़ी संख्या में खातों के एनपीए होने के कारण नाबार्ड से मिलने वाली ऋण सहायता बंद होना है। अब बैंक की स्थिति में सुधार हुआ है, और यदि नाबार्ड की फंडिंग बहाल की जाती है और हर ऋणी को बीमा कवर मिलता है, तो बैंक को मजबूती मिल सकती है।

संजय शर्मा ने एकमुश्त भुगतान पर ब्याज माफी योजना के ठंडे बस्ते में जाने पर भी चिंता जताई।

उन्होंने बताया कि यह योजना 30 जून 2024 तक समाप्त हो चुकी है, और सरकार से मंजूरी के इंतजार में ऋण चुकाने में देरी हो रही है। इस योजना के तहत, एकमुश्त ऋण भुगतान पर डिफॉल्टर कर्जदारों का 50% ब्याज माफ किया जाता है, जिसमें से 12.5% सरकार और 37.5% बैंक वहन करता है। मृत ऋणियों के कर्ज का 100% ब्याज माफ करने का प्रावधान भी है।

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