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नाबार्ड बना ग्रामीण विकास और किसान सशक्तिकरण का मजबूत आधार : शर्मा

स्थापना दिवस पर सहकारिता मंत्री ने किया संबोधित
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चंडीगढ़ में आयोजित नाबार्ड के स्थापना दिवस पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिनिधियों को सम्मानित करते सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा। -ट्रिन्यू
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सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि किसान की समृद्धि के बिना विकसित भारत की कल्पना अधूरी है और इस दिशा में नाबार्ड की भूमिका अत्यंत है। हरियाणा न केवल देश की खाद्य सुरक्षा का आधार है, बल्कि कृषि नवाचार, फसल विविधीकरण और प्रसंस्करण आधारित खेती में भी अग्रणी राज्य बन चुका है। ऐसे में नाबार्ड की उपस्थिति हरियाणा के समग्र ग्रामीण विकास में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा रही है। पैक्स कम्प्यूटरीकरण, केसीसी का डिजिटलीकरण, एफपीओ, जेएलजी व एसएचजी नेटवर्क की मजबूती और सहकारी संस्थाओं को तकनीकी प्रशिक्षण व समर्थन देने जैसे अनेक आयामों में नाबार्ड का योगदान बहुआयामी और दूरगामी रहा है।

सहकारिता मंत्री बुधवार को चंडीगढ़ में नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस पर उपस्थित प्रबुद्धजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सहकारी संस्थाएं केवल ऋण, खाद व बीज वितरण तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में ये संस्थाएं जन औषधि केंद्र, गैस स्टेशन, सीएससी सेंटर सहित 25 से अधिक सेवाओं का माध्यम बन चुकी हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 500 सीएम-पैक्स के गठन का लक्ष्य रखा है, जिनमें से 161 पहले ही गठित की जा चुकी हैं। इन मल्टीपर्पज़ पैक्स के माध्यम से गांवों में छोटे वेयरहाउस, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जिससे किसानों को लाभ मिलने के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं को रोजगार और स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार आत्मनिर्भर राज्य और कृषि आधारित सशक्त अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में ठोस पहल कर रही है। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के स्वप्न और विकसित भारत की कल्पना को साकार करने में सहकारिता की यह नई गति मील का पत्थर साबित हो रही है।

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नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक निवेदिता तिवारी ने बताया कि नाबार्ड ने पिछले चार दशकों में कृषि वित्त, सहकारी संस्थाओं के सशक्तीकरण, ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण, वित्तीय समावेशन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और ग्रामीण कौशल एवं उद्यमिता विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 43 वर्षों में अंतिम छोर तक वित्तीय सेवाएँ पहुंचाने के लिए नाबार्ड ने सहकारी बैंकों को निरंतर पुनर्वित्त सहायता उपलब्ध करवाई है। बुनियादी ढांचे; सीबीएस और CBS+, पैक्स कम्यूटरीकरण और टेक्नोलोजी विकास के जरिए सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाने का निरंतर प्रयास किया है।

इस अवसर पर आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक विवेक श्रीवास्तव, एसएलबीसी हरियाणा के संयोजक ललित तनेजा, नाबार्ड पंजाब के मुख्य महाप्रबंधक वीके आर्या सहित राज्य सरकार एवं बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी, एसएलबीसी के समन्वयक, पैक्स, एफपीओ व एनजीओ के प्रतिनिधि, नाबार्ड के अधिकारी एवं कर्मचारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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