तरुण जैन
रेवाड़ी, 16 मार्च
बुधवार को बावल में उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब नगरपालिका की टीम ऐतिहासिक धरोहर बावल के प्रचीन किले के मुख्य गेट को जेसीबी के साथ धराशायी करने के लिए पहुंच गई। बावल के लोगों जमकर इसका विरोध किया और एसडीएम संजीव कुमार को ज्ञापन सौंपा। विरोधकर्ता रामकिशन महलावत, बावल-84 के प्रधान सुमेर जेलदार, चेतराम रेवाडिय़ा, ईश्वर महलावत, ओम प्रकाश ने कहा कि नाभा रियासत के कार्यकाल में बावल जिला मुख्यालय था। यहां ऐतिहासिक दुर्ग का 20 फुट ऊंचा गेट है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इन ऐतिहासिक धरोहरों को जहां संरक्षित करना चाहिए, वहीं इन्हें तोड़ने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बावल की सभी ऐतिहासिक धरोहरों के जीर्णोद्धार की मांग की। लोगों के भारी रोष व हंगामे का देखते हुए प्रशासन को झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि बावल की ऐतिहासिक पहचानों को मिटाने नहीं दिया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व पार्षद विरेन्द्र महलावत, महेन्द ककरावत, दीपक कुमार, सुभाष नम्बरदार, पप्पू पहलवान, भगवान दास यादव, ब्रिजू सैनी, पूर्व पर्षद हीरासिंह चौहान, पार्षद संजय सैनी, अर्जुन चौकन, दलजीत नरूला आदि मौजूद थे।