दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 जून
शहरी स्थानीय निकायों नगर परिषद व नगर पालिका चुनावों से कांग्रेस के अलग होने के बाद राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। ऐसे में भाजपा और जजपा मिलकर भी निकायों के चुनाव लड़ने पर नये सिरे से विचार कर सकती हैं। कारण साफ हैं। चूंकि कांग्रेस द्वारा सिम्बल पर चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में भाजपा और जजपा के उम्मीदवारों को ही आमने-सामने आकर एक-दूसरे के खिलाफ वोट मांगने होंगे।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भाजपा और जजपा ऐसा चाहेंगी। बेशक, निकाय चुनाव का फैसला वे अलग लड़ने का कर चुके हैं, लेकिन सरकार तो गठबंधन से ही चल रही है। ऐसे में बहुत संभव है कि भाजपा और जजपा इस मुद्दे पर नये सिरे से विचार करें। बृहस्पतिवार को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी विनोद तावड़े, प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ व संगठन मंत्री रविंद्र राजू की प्रत्याशियों की फाइनल सूची को लेकर अहम बैठक होगी।
माना जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा-जजपा गठबंधन को लेकर भी बातचीत हो। अगर बात सिरे नहीं चढ़ती तो भाजपा द्वारा 18 निकायों के लिए अपने उम्मीदवार वीरवार रात तक या फिर अगले दिन सुबह मैदान में उतारे जा सकते हैं। इससे अधिक समय भी अब नहीं बचा है। निकाय चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 4 जून है। बताते हैं कि बुधवार को पंचकूला के पीडब्लयूडी रेस्ट हाउस में हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक के दौरान भी कुछ नेताओं ने आपस में इस मामले पर बातचीत की। प्रदेश की 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिकाओं के चुनाव 19 जून को होने हैं। इसे लेकर हुईइस बैठक में जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी व चुनाव इंचार्ज के अलावा संबंधित हलके व पार्लियामेंट के सांसद व विधायक भी बुलाए गए थे। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, सीएम मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व कृष्ण लाल पंवार के अलावा हरियाणा में भाजपा के कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के अलावा कई सांसद व विधायक मौजूद रहे।
जिलावार मैराथन बैठकें हुईं और स्थानीय इकाई के अलावा संबंधित निकाय के चुनाव इंचार्ज से संभावित प्रत्याशियों को लेकर फीडबैक लिया गया। जिलावार बैठकों के बाद 75 प्रतिशत के करीब निकायों के लिए नाम तय कर लिए गए। 25 प्रतिशत के करीब निकायों में जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी व चुनाव प्रभारी की राय अलग-अलग होने की वजह से एक और सर्वे करवाने का निर्णय लिया है। यह भी तय किया गया कि अब इस मुद्दे पर सभी नेताओं की दोबारा बैठक नहीं होगी। प्रत्याशियों को लेकर अंतिम फैसला अब प्रदेश प्रभारी, प्रदेशाध्यक्ष, मुख्यमंत्री व संगठन मंत्री मिलकर करेंगे। नगर परिषद में चेयरमैन पद के चुनाव पार्टी अपने सिम्बल पर लड़ेगी। 18 नगर परिषद में वार्ड पार्षद के चुनाव सिम्बल पर लड़ने हैं या नहीं, इसका फैसला जिला यूनिट पर छोड़ा है। इसी तरह से नगर पालिकाओं में अध्यक्ष व वार्डों में पार्षद का चुनाव सिम्बल पर लड़ा जाएगा या नहीं, इसका फैसला भी स्थानीय स्तर पर नेता अपने हिसाब से करेंगे।
बैठक के बाद प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि बृहस्पतिवार या शुक्रवार को उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होगा। उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों में विकास बड़ा मुद्दा रहेगा। जल प्रबंधन का भी मुद्दा रहेगा। सड़कों के अलावा रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर भाजपा द्वारा किए गए कार्यों को लोगों तक बताया जाएगा।
यह निकल सकता है रास्ता
दोनों पार्टियां अगर अब भी मिलकर निकाय चुनावों में उतरना चाहेंगी तो उनके सामने एक विकल्प बचा हुआ है। इस तरह के सुझाव पार्टी में अंदरखाने चल भी रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिन-जिन हलकों में जजपा के विधायक हैं, वहां निकायों के चुनाव में सीट जजपा को देने पर विचार हो सकता है। जजपा के पास दस विधायक हैं। बृहस्पतिवार को अगर मिलकर चुनाव लड़ने पर किसी तरह की चर्चा होती है तो फिर जजपा विधायकों वाले एरिया में उन्हें निकाय चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है।