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एक राष्ट्र-एक चुनाव में जनमत को लेकर प्रदेश में 500 से ज्यादा बैठकें की : छाबड़ा

बोले- क्षेत्रीय दल एक राष्ट्र-एक चुनाव के पक्ष में, कांग्रेस सहित कुछ राजनीतिक दलों का अपना एजेंडा
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चंडीगढ़, 23 जून (ट्रिन्यू)एक राष्ट्र-एक चुनाव समिति के प्रदेश सह संयोजक मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर अभी तक हरियाणा में 500 से ज्यादा सभाएं व बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। हर वर्ग जैसे किसान, युवा, शिक्षक, प्रोफेसर, वकील, श्रमिक, महिला और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों के साथ एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर संवाद जारी है।

एक राष्ट्र-एक चुनाव को हर वर्ग का जनमत मिल रहा है। इसके साथ ही एक राष्ट्र-एक चुनाव समिति के राष्ट्रीय संयोजक शिवराज चौहान की अध्यक्षता में प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित हो चुकी हैं। वहीं, जिला स्तर पर गठित समितियां भी एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर प्रचार अभियान का जिम्मा संभाले हुए हैं।

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बातचीत के दौरान मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने का जो विजन तय किया है, उसे नई गति देने में एक राष्ट्र-एक चुनाव सबसे अहम साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश में बार-बार चुनावों के कारण 4 से 7 लाख करोड़ खर्च होते हैं।

क्षेत्रीय दलों में एक राष्ट्र-एक चुनाव पर सहमति बनाने को लेकर जेपीसी, संयुक्त संसदीय समिति राज्यवार दौरा कर क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत कर रही है। ज्यादातर राज्यों में एक राष्ट्र-एक चुनाव पर सहमति जता रहे हैं। छाबड़ा ने कहा कि देश में वर्ष 1952, 1957 और 1962 यानी 1967 तक संसद और राज्य विधानसभाआअें के चुनाव एक साथ होते थे। मगर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस प्रक्रिया को बाधित कर दिया।

भाजपा ने देश की आजादी के बाद से आज तक 16 साल राज किया, इन सालों में 22 बार संविधान में परिवर्तन किया। जबकि कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बदलाव किए। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने बदलाव किए लेकिन, बदलाव का टेस्ट कैसा था, यह लोगों को समझना होगा।

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