विवेक बंसल/निस
गुरुग्राम, 8 जून
पड़ोसी राज्य दिल्ली और राजस्थान की तरह यदि हरियाणा में भी मैरिज लॉन और बैक्वेट हाॅल के संचालन के लिए नियम निर्धारित किए जाएं तो न केवल सुरक्षित शादी विवाह समारोह होंगे बल्कि प्रदेश सरकार के खजाने को हर साल 100 करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होगा। अभी तक जो आधे अधूरे नियम हैं, वे भी हरियाणा में लागू नहीं हैं।
आज हरियाणा पार्टी लॉन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल राव, उपाध्यक्ष संजीव कुमार और कोषाध्यक्ष शिवचरण शर्मा ने बताया कि हरियाणा में मैरिज लॉन और बैंक्वेट हॉल के लिए 2012 में एक पॉलिसी बनाई गई थी। कड़े नियमों और बिना विचारे अव्यावहारिक कानूनों के कारण इन पर अमल नहीं हुआ और यह पॉलिसी फेल होकर रह गई है।
सरकार भी यह बात जानती है कि जो राजस्व उसे मिलना चाहिए था वह उसे नहीं मिल रहा है। जबकि विवाह मंडप और निर्धारित हॉल बदस्तूर चल रहे हैं। एसोसिएशन के नेताओं का कहना है कि साउथ एमसीडी दिल्ली ने बड़ी अच्छी नीति बनाई है। इस नीति के अंतर्गत लाइसेंस फीस निर्धारित की गई है और प्लॉट के हिसाब से यह तय किया गया है। यदि मैरिज हॉल और निर्धारित हॉल का प्लॉट 400 वर्ग मीटर का है तो उसके लिए 6000 रुपए प्रति माह, 1000 मीटर तक है तो 7000 रुपए प्रति माह, 5000 मीटर तक है तो 12000 रुपए प्रतिमाह,और 10000 वर्ग मीटर तक है तो 27000 रुपए प्रतिमाह तथा इससे ऊपर है तो 50000 रुपए प्रतिमाह लाइसेंस फीस है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में भी प्लॉट के साइज पर ही लाइसेंस फीस ली जाती है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में जहां भी शादी होती है 10000 रुपए में दिल्ली फायर स्टेशन से एक गाड़ी वहां पर रात को खड़ी कर दी जाती है ताकि कोई घटना हो तो फायर ब्रिगेड को बुलाने की बजाय फायर ब्रिगेड खुद ही मौके पर निपट ले।
उन्होंने कहा सरकार यदि नियम बना देती है तो इससे सभी को लाभ होगा। गैरकानूनी और असुरक्षित कार्य बंद हो जाएगा। चोर बाजारी और भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बड़े-बड़े होटल हैं बड़े-बड़े बैंक्वेट हॉल हैं, वे नियमों से चल रहे हैं। वहां फायर ब्रिगेड और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध रहती हैं, लेकिन आम आदमी के लिए मैरिज लॉन और बैंक्वेट हॉल की व्यवस्था ऐसे ही चल रही है।
उनका कहना है कि नियमों के अभाव में कई तरह की शिकायतें होती हैं। अदालत में पैसा खर्च हो रहा है। कहीं स्टे हो गया है और कहीं सांठगांठ से चल रहे हैं। वर्ष 2018 से 20 बैंक्वेट हॉल और गार्डन सील पड़े हुए हैं। और भी शिकायतें हो रही है। सरकार नियमों को लागू कर अपने राजस्व और सुरक्षित कार्य की चिंता कर आम जनता को ऐसी सुविधाएं सस्ते दामों में दे सकती है।
प्रदेश में 10,000 बैंक्वेट हॉल, मैरिज लॉन
राव ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगभग 400 बैंक्वेट हॉल और मैरिज लॉन है। गुरुग्राम में 112 और फरीदाबाद में भी लगभग इतने हैं। हरियाणा में इनकी संख्या लगभग 10,000 है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस बारे समय ले रहे हैं और ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन, जो पूरे भारत के बैंक्वेट हॉल मैरिज लॉन और टेंट संचालकों का प्रतिनिधित्व करती है, के साथ मिलकर नियम लागू करने संबंधी चर्चा करना चाहती है। जैसे ही मुख्यमंत्री से समय मिलेगा उनके सम्मुख प्रार्थनापत्र रख देंगे।