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फिर कहर बनकर आया मारकंडा, टांगरी नदी का पानी

कुफर टूटा खुदा खुदा करते
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अम्बाला छावनी में टांगरी नदी के ओवरफ्लो का जायजा लेते गृहमंत्री अनिल विज। -हप्र
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सुभाष चौहान/हमारे प्रतिनिधि

अम्बाला, 23 जुलाई

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मारकंडा नदी के किनारों पर मीठे चावल का भंडारा। टांगरी नदी के किनारों पर दिन रात पूजा अर्चना। मन्नत जल के जलजले से अपने अस्तित्व को बचाने की। दस रोज पहले इन नदियों में आया पानी अब कम होने लगा था। लेकिन गत रात्रि फिर इन नदियों का पानी कहर बनकर आया। रातों रात पानी घरों में घुस गया और धान के खेतों को बर्बाद कर गया।

टांगरी नदी का रौद्र रूप सबसे ज्यादा अम्बाला छावनी में नजर आ रहा है, क्योंकि नदी के किनारों पर दर्जन भर कालोनियां बसी हैं जिनमें करीब पांच हजार परिवार रहते हैं। इनमें से अधिकतर परिवारों का काम डेयरी, मजदूरी या फिर छोटी मोटी दुकानदारी का है। तभी तो ये नदी के किनारों पर रहने को मजबूर हैं। पहली बारिश का पानी तो इनके घरों से निकल गया था और इनकी दिनचर्या पटरी पर लौटने लगी थी लेकिन कल आए पानी ने इनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस बार फिर घरों में पानी है और लोग छतों पर रहने को मजबूर हो गए हैं। अधिकतर घरों का फर्नीचर व बिजली का सामान खराब हो चुका है।

यही व्यथा मुलाना के आसपास बसे गांवों की है। तंदवाल, हेमा माजरा, घेलड़ी आदि गांवों में मारकंडा नदी के पानी ने एक बार फिर खेतों को जलमग्न कर दिया है। करीब 800 एकड़ धान की फसल पानी में खराब हो गई है। किसान अश्विंदर सिंह का कहना है कि मारकंडा नदी पर करीब 2 किलोमीटर में एक बांध की मांग वर्षों से कर रहे हैं लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई है। जजपा के हलका प्रधान मनदीप बोपाराय ने कहा कि वह इस मामले में जल्द ही उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिलेंगे।

टांगरी ओवरफ्लो को लेकर विज ने सीएम को लिखी चिट्ठी

अम्बाला (हप्र) : हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भारी बारिश के दौरान टांगरी नदी के ओवरफ्लो होने को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को नदी के दूसरी तरफ भी पक्का तटबंध बनाने के लिए पत्र लिखा है। विज ने पत्र में नदी के दूसरे छोर पर पक्का तटबंध बनाने के अलावा दोनों तरफ के तटबंध को स्टोन पिचिंग के जरिए मजबूत बनाने का आग्रह किया है। गृह मंत्री ने नदी से मिट्‌टी निकलवाकर नदी तल को और गहरा करने का भी आग्रह मुख्यमंत्री से किया है। अनिल विज ने पत्र में कहा है कि पहले टांगरी नदी में माइनिंग होती थी, परन्तु पिछले 15-16 साल से माइनिंग बंद होने के कारण इस नदी में मिट्टी का लेवल बहुत बढ़ गया है जिस कारण बरसात का पानी आसानी से ओवरफ्लो होकर कॉलोनियों की तरफ चला जाता है। रेलवे लाइन के निकट नदी की गहराई महज चार फीट रह गई है। बाढ़ का पानी रेलवे लाइन को छूने की वजह से इस साल अम्बाला-सहारनपुर लाइन पर भी रेलमार्ग बाधित हुआ। गृह मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में महेशनगर ड्रेन को भी नगर परिषद क्षेत्र में पक्का करने का आग्रह किया है।

विज से मिले प्रभावित लोग

आज सुबह टांगरी क्षेत्र के आसपास की कॉलोनी के लोग गृहमंत्री अनिल विज से मिले। उन्होंने विज से कहा कि बारिश के पानी के कारण बार-बार उजड़ने का सिलसिला कब तक चलेगा। उनका कहना था कि नदी का पानी उनके मकानों में सीलन पैदा कर रहा है और गत रात्रि आए पानी ने तो एक बार फिर लोगों की उम्मीदें तोड़ दी हैं। जिस पर विज ने कहा कि नदी के दोनों ओर मजबूत बांध बनाए जाएंगे ताकि लोगों का नदी के पानी के कारण नुकसान न हो।

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