सुरेंद्र सिंह सांगवान/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 नवंबर
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मनोहर सरकार कैश फॉर जॉब स्कैम को दबाने में जुट गई है। आए दिन मुख्यमंत्री ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे आरोपियों का उत्साह बढ़ रहा है और वह बहुत जल्द बाहर आ सकते हैं। सुरजेवाला ने ‘अटैची दो-नौकरी दो’ घोटाले की जांच हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर जांच कराने की मांग की है।
सोमवार को चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में आए दिन हो रहे नौकरी घोटालों के बावजूद मुख्यमंत्री पारदर्शिता, मैरिट और ‘बिना पर्ची, बिना खर्ची’ के दावे कर रहे हैं। सुरजेवाला ने सात साल में 32 पेपर लीक होने का दावा करते हुए कहा कि सरकार बताए कि एप्लीकेशन पोर्टल-स्केनिंग-पेपर चेकिंग करने वाली ‘हटाई गई कंपनी’ को एचपीएससी की भर्ती का ठेका क्यों व कैसे दिया गया। एफआईआर में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी कार्रवाई क्यों नहीं। सुरजेवाला ने कहा कि विजिलेंस की जांच में अदालत के सामने पेश की गई रिमांड एप्लीकेशन में अश्विनी शर्मा,अनिल नागर,विजय बलहारा व सेफडॉट ई-सॉल्यूशंस प्राईवेट लिमिटेड का नाम स्पष्ट तौर से आरोपी के तौर पर सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व चेयरमैन के समय साल 2020 में जसबीर सिंह की कंपनी को ‘हटा दिया’ गया था। मौजूदा चेयरमैन आलोक वर्मा के कार्यभार संभालने के बाद भर्तियों का काम एक बार फिर जसबीर सिंह की कंपनी को दे दिया गया। एक ‘हटाई गई’ कंपनी को क्यों, किस कारण, किस हालात व किसके कहने से इतनी महत्वपूर्ण भर्तियों का काम दिया गया।
सुरजेवाला ने विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि विजिलेंस विभाग के एसआईटी प्रमुख ने अदालत में यह स्वीकार लिया कि उसे आरोपियों की जांच और दस्तावेज बरामदगी बारे कोई जानकारी नहीं। विजिलेंस ने आरोपियों का रिमांड खारिज होने के खिलाफ अपील क्यों नहीं की। तीन कृषि कानून वापस लेने संबंधी सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि कानून बनाते समय न सदन में कोई चर्चा हुई और अब वापस लेते समय भी चर्चा से सरकार भाग खड़ी हुई। चर्चा होगी तो यह पूछ जाएगा कि सरकार की वेबसाइट के मुताबिक किसानों को एमएसपी क्यों नहीं मिल रहा। पत्रकारवार्ता के दौरान एडवोकेट विजय बंसल, भूपेंद्र सिंह, रणधीर राणा, रणधीर मलिक, नीले सैनी भी मौजूद थे।