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संस्कृत भाषा के पितामाह थे महर्षि वाल्मीकि : रामबिलास शर्मा

नारनौल, 29 अक्तूबर (निस) महर्षि वाल्मीकि संस्कृत भाषा के पितामाह थे, जिन्होंने बुराई पर नेकी की जीत का संदेश अपने महान ग्रंथ रामायण के जरिए दिया। उन्होंने समाज से भेदभाव को दूर करने के लिए भी प्रेरित किया और सभी...
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महेंद्रगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करते पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा। -निस
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नारनौल, 29 अक्तूबर (निस)

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत भाषा के पितामाह थे, जिन्होंने बुराई पर नेकी की जीत का संदेश अपने महान ग्रंथ रामायण के जरिए दिया। उन्होंने समाज से भेदभाव को दूर करने के लिए भी प्रेरित किया और सभी को मिलजुल कर रहने की प्रेरणा दी। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमें समाज की भलाई के काम करने चाहिए। ये विचार पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने महेंद्रगढ़ स्थित मोहल्ला वाल्मीकि में महर्षि वाल्मीकि के प्रकटोत्सव पर व्यक्त किए। रामबिलास शर्मा ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने पवित्र रामायण की रचना कर पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए धर्म का मार्ग प्रशस्त किया। महर्षि वाल्मीकि की शिक्षा व विचार हमें एक समृद्ध व गौरवशाली समाज की रचना करने की प्रेरणा देते हैं। इस मौके पर नगर पालिका के अध्यक्ष रमेश सैनी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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