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आस्था के जले दीप, बेरी में भीमेश्वरी के दर्शनों को उमड़ी भीड़

झज्जर, 9 दिसंबर (हप्र ) झज्जर के बेरी कस्बा स्थित महाभारतकालीन माता भीमेश्वरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। न केवल नवरात्र अपितु हर माह आने वाली अष्टमी के मौके पर भक्तजन यहां माथा टेकने आते हैं। इसी के...
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झज्जर, 9 दिसंबर (हप्र )

झज्जर के बेरी कस्बा स्थित महाभारतकालीन माता भीमेश्वरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। न केवल नवरात्र अपितु हर माह आने वाली अष्टमी के मौके पर भक्तजन यहां माथा टेकने आते हैं। इसी के चलते सोमवार की अलसुबह से भक्तों की लाइन में लगनी शुरू हो गई थी । सुबह करीब साढ़े 5 बजे मां को अंदर वाले दरबार से बाहर वाले भवन में लाया गया। जहां पुजारी ने मंत्रोच्चारण के साथ स्नान करवाया

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और मंगला आरती करने के बाद भक्तों के दर्शनार्थ कपाट खोले गये। पुजारी कुलदीप वशिष्ठ ने बताया कि हर माह की अष्टमी के दिन मां के दरबार भक्तों की भीड़ उमड़ती है। महिलाओं ने मां के मंदिर में पीपल के पेड़ पर धागा बांधकर मन्नत मांगी।

मां भीमेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास अति प्राचीन है। विद्वानों के अनुसार मां की मूर्ति को पांडु पुत्र भीम पाकिस्तान के हिंगलाज पर्वत से लेकर आए थे । भीम ने मां को अपने साथ चलने के लिए कहा तो मां ने पांडु पुत्र से कहा कि मैं तुम्हारे साथ तो चलूंगी , लेकिन तुम मुझे अपनी गोद में रखोगे। रास्ते में जहां भी उतारोगे मैं उस स्थान से आगे नहीं जाऊंगी । भीम ने मां का कहना माना और गोद में उठाकर युद्ध भूमि की तरफ चल पड़ा। जब भीम मां को लेकर बेरी कस्बे से गुजर रहा था तो भीम को लघुशंका के लिए उन्हें अपने कंधे से उतार दिया । बाद में माता को वापस चलने के लिए अपनी गोद में उठाने लगा तो वह नहीं उठ पाई । तभी मां भीमेश्वरी की यहां स्थापना हुई और महाभारत के युद्ध के बाद यहां मंदिर की स्थापना कर दी गई ।

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