सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 26 अक्तूबर
कोरोना महामारी के चलते उपमंडल बिलासपुर की धर्मनगरी कपालमोचन में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले राज्य स्तरीय मेले का इस वर्ष अायोजन नहीं होगा। सरकार ने लोगों की जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया हैं। एसडीएम जसपाल सिंह गिल ने बताया कि कपालमोचन के संतों, महंतों, मंदिर डेरा संचालकों ने इस वर्ष कपालमोचन में मेले का आयोजन करने की मांग को लेकर मांगपत्र दिया था जिस पर जिला उपायुक्त ने रेस्ट हाऊस बिलासपुर में बैठक के बाद आलाधिकारियों एवं सरकार के समक्ष सारी बात को रखा। सरकार ने सभी पहलुओं पर गहनता से विचार-विमर्श करने के बाद लोगों की सुरक्षा को लेकर इस वर्ष कपालमोचन में मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया हैं। एसडीएम ने बताया कि मेले में करीब आठ से दस लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। सरोवरों का पानी खड़ा है। इसमें श्रद्धालु स्नान करते हैं। ऐसे में किसी पाॅजिटिव ने स्नान कर लिया तो स्थिति बहुत भंयकर हो सकती हैं। इसी को लेकर प्रशासन ने मेले के आयोजन पर रोक लगाई है।
निकाला जाएगा तीनों सरोवरों का पानी
एसडीएम ने बताया कि कपालमोचन के तीनों पवित्र सरोवरों से पानी निकाला जाएगा। मेले के दौरान कपालमोचन में आने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने सभी मंदिरों डेरा व मंदिर, धर्मशाला संचालकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करें। दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को मेेले में न आने के लिए उपायुक्तों के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी। कपालमोचन मेला का आयोजन महर्षि वेद व्यास की कर्म स्थली बिलासपुर में 8 से 10 नवंबर तक किया जाएगा। यह पवित्र स्थल अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए है। यमुनानगर से लगभग 28 किलोमीटर दूर धार्मिक स्थल कपालमोचन में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेला लगता है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश से लाखों की संख्या में हिंदू, मुस्लिम व सिख श्रद्धालु सदियों से मोक्ष की कामना के उद्देश्य से यहां के पवित्र सरोवर में स्नान करने आते हैं।