ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 23 दिसंबर
पानीपत से नई दिल्ली तक रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) पर हरियाणा सरकार ने मुहर लगा दी है। केंद्र की यूपीए सरकार के समय 2013 में मंजूर हुइ इस रैपिड परियोजना पर आने वाली कुल लागत में से 4699 करोड़ रुपये हरियाणा सरकार देगी। बुधवार को चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह राशि देने की मंजूरी दी गई। यह रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू होने के बाद पानीपत से दिल्ली तक की दूरी 45 मिनट में पूरी होगी।
केंद्र सरकार ने इसी तर्ज पर दिल्ली से मेरठ और दिल्ली से अलवर तक के लिए रैपिड ट्रेन प्रोजेक्ट को मंजूर किया हुआ है। राज्य की खट्टर सरकार पानीपत से करनाल तक रैपिड ट्रेन लाने की कोशिश में है लेकिन फिलहाल इसके अगले चरण के लिए छोड़ा गया है। मौजूदा मंजूरशुदा ट्रैक दो चरणों में पूरा होगा। रैपिड ट्रैक पर कुल 17 स्टेशन बनेंगे। इनमें से 6 दिल्ली तो 11 हरियाणा में होंगे। हरियाणा में रैपिड ट्रेन का डिपो भी बनेगा। इसके लिए 125 एकड़ जमीन चिह्नित की हुई है।
कुल 103.02 किमी लम्बी इस योजना निर्माण एवं कमीशनिंग दो चरणों में होगी। सराय कालेखां से मुरथल डिपो का 58.28 किमी का एक पार्ट होगा तो दूसरा चरण मुरथल से पानीपत डिपो तक होगा। इसकी कुल दूरी 44.74 किमी होगी। माना जा रहा है कि यह परियोजना भीड़भाड़ वाले स्थानों में लोगों के कुशल एवं प्रभावी आवागमन को सक्षम बनाएगी। आरआरटीएस परियोजनाएं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा कार्यान्वित की जा रही हैं, जो केंद्र सरकार को एक संयुक्त उद्यम है।
इसके प्रतिभागी राज्यों में दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा हैं। दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर में दो प्रतिभागी राज्य हैं, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार और हरियाणा शामिल है। कैबिनेट ने हरियाणा में परियोजना प्रभावी क्षेत्र के भीतर 1.25 तक खरीद योग्य एफएआर की अनुमति देने को भी मंजूरी दी है। चूंकि खरीद योग्य एफएआर की बिक्री सीधे आरआरटीएस के विकास के लिए जिम्मेदार है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि नामित मिश्रित उपयोग क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त एफएआर की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व का 80 प्रतिशत आरआरटीएस परियोजना के साथ साझा किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने परियोजना लागत के लिए राज्य सरकार के हिस्से के रूप में 4,699 करोड़ रुपये के सकल योगदान को मंजूरी दी है। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एनसीआरटीसी के साथ समझौतों और अन्य संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के प्रधान सचिव को नोडल अधिकारी नामित किया है। कैबिनेट ने एनसीआरटीसी या केंद्र सरकार के परामर्श के दौरान सामने आने वाले किसी भी बदलाव या संशोधनों को मंजूरी देने या आरआरटीएस परियोजना के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों और अड़चनों को दूर करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
नेशनल हाईवे के साथ होगा ट्रैक
रैपिड ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण की सबसे बड़ी चुनौती थी। इसका हल निकालते हुए केंद्र सरकार ने नेशनल हाईवे के समानांतर खाली जमीन से इसके लिए ट्रैक बनाने का फैसला लिया है। रैपिड ट्रेन नई दिल्ली में सराय कालेखां से चलेगी। आरपी से कश्मीरी गेट तक अंडर ग्राउंड कॉरिडोर होगा। बुराड़ी स्टेशन, मुकरबा चौक, कुंडली और केएमपी रोड के पास राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के सामने हाईवे के साथ पूर्व की तरफ स्टेशन बनेगा। मुरथल-गन्नौर में पूर्व पश्चिम दोनों तरफ स्टेशन होंगे। हसनपुर के पास डिपो बनेगा। समालखा में पावटी रोड पर पानीपत में एनएफएल के पास हरिद्वार बाईपास पर और मिनी सचिवालय के सामने स्टेशन बनेगा। फिर बरसत रोड से होते हुए ड्रेन-2 के पास भैंसवाल के पास अंतिम स्टॉपेज डिपो बनेगा।
फरीदाबाद के लिए परिवहन सेवा लिमिटेड
खट्टर कैबिनेट ने फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन डेवेलपमेंट अथॉरिटी के अधीन रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनाने का भी फैसला किया है। फरीदाबाद नगर परिवहन सेवा लिमिटेड (एफसीटीएसएल) द्वारा राज्य परिवहन उपक्रम (एसटीयू) के रूप में संचालित की जाने वाली सिटी बस सेवाओं के लिए फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) अब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के रूप में कार्य करेगा। फरीदाबाद नगर परिवहन सेवा लिमिटेड द्वारा संचालित सिटी बस सेवा के संबंध में स्टेज कैरिज परमिट के लिए मार्गों/क्षेत्रों को निर्दिष्ट करने, समय सारणी जारी करने, कर्मचारियों के कार्य के घंटे और पार्किंग स्थल का निर्धारण करने के लिए फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के रूप में घोषित करने के विभाग के एक प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है।