पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 17 जनवरी
कृषि कानून रद्द कराने के लिए 51 दिन से दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों का आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है। यहां रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियां जुट रहे हैं। अकेले कुंडली बॉर्डर पर किसानों के धरने का दायरा अब करीब 9 किलोमीटर तक फैल चुका है। यूं तो यहां लगातार किसानों को हर सुविधा देने के लिए लोग सामने आ रहे हैं, लेकिन पंजाब के किसानों की मदद के लिए हरियाणा के ग्रामीण जी-जान से जुट गए हैं।
गोहाना की मशहूर जलेबियों की चाश्नी यहां भाईचारे की मिठास बढ़ाने का काम कर रही है। सोनीपत के कई गांवों ने यहां विशेष जिम्मेदारी संभाल ली है। सोनीपत के गांव भैंसवान खुर्द की ओर से जलेबी का भंडारा चलाया जा रहा है और यहां रोजाना करीब 200 से 300 क्विंटल जलेबियां किसानों व राहगीरों को खिलाई जाती हैं। एक अनुमान के अनुसार यहां रोजाना 5 हजार से ज्यादा लोग देसी घी की इन जलेबियों का सेवन कर रहे हैं। लगातार ठंड बढ़ने के कारण जलेबियों का मांग बढ़ रही है। खास बात यह है कि ग्रामीणों ने पूरे गांव से चंदा एकत्रित कर यह भंडारा चलाया है। इसमें ग्रामीण खुद ही सेवा कर रहे हैं। रोजाना अलग-अलग किसानों की ड्यूटियां यहां लगाई जा रही हैं, जो पूरा दिन न केवल जलेबियां बना रहे हैं, बल्कि लंगर में पहुंचने वाले लोगों को वितरित भी कर रहे हैं। भैंसवान कलां के किसान अजमेर ने बताया कि भंडारे का खर्च पूरे गांव ने उठाया है। तय किया है कि जब तक आंदोलन चलेगा तब तक जलेबियों का भंडारा चलता रहेगा।