जींद, 6 मई (हप्र)
शहर की सबसे पॉश कालोनियों में शुमार अर्बन एस्टेट, डिफेंस कालोनी, सेक्टर 11 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) प्रशासन अपनी पेयजल सप्लाई से लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहा है। खुद एचएसवीपी की पेयजल सप्लाई का हर महीने का पानी का मोटा बिल देने के बाद भी लोगों को अपने स्तर पर अलग से पीने के पानी की डबल लेयर व्यवस्था करनी पड़ रही है। इस पर उनका एचएसवीपी के पानी के बिल से कहीं ज्यादा पैसा खर्च हो रहा है।
अर्बन एस्टेट कॉलोनी, डिफेंस कालोनी और सेक्टर 11 में पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण प्रशासन अपने ट्यूबवैलों से घरों तक पीने का भूमिगत जल सप्लाई करता था। लगभग 12 साल पहले प्राधिकरण प्रशासन के इन कॉलोनीयों और सेक्टर 11 के ट्यूबवैल के पानी में टीडीएस की मात्रा 2000 के पार चली गई थी। उसके बाद प्राधिकरण प्रशासन ने भूपेंद्र हुड्डा सरकार के शासन में नहरी पानी पर आधारित पेयजल सप्लाई शुरू की थी। इस पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर हांसी ब्रांच नहर के पास नहरी पानी का जल घर बनाया गया था। तब लोगों को लगा था कि उनकी प्यास नहर के मीठे और शुद्ध जल से बुझ सकेगी, लेकिन लोगों की इन उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फिर गया है।
पेयजल की थ्री लेयर व्यवस्था, फिर भी प्यासे लोग
अर्बन एस्टेट, डिफेंस कालोनी और सेक्टर 11 की बात करें तो यहां के लोगों के लिए पीने का पानी दूध से कम महंगा नहीं है। वजह यह है कि पहले लोगों को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण प्रशासन की उस पेयजल सप्लाई का पानी का मोटा बिल भरना पड़ता है, जो उनकी प्यास बुझाने के लिए पूरी तरह से नाकाफी है। एचएसवीपी की पेयजल सप्लाई का प्रेशर इतना कम होता है कि पहली मंजिल पर रखी टंकियों तक पानी नहीं पहुंच पाता। पहली, दूसरी या तीसरी मंजिल पर रखी टंकियों तक पानी पहुंचाने के लिए लोगों को बिजली की मोटर का सहारा लेना पड़ता है। घंटों बिजली की मोटर चलने के बाद कहीं पानी की टंकी भर पाती है। इससे पेयजल लोगों के लिए और ज्यादा महंगा हो जाता है। यहीं आकर लोगों की दिक्कत समाप्त नहीं हो जाती। एचएसवीपी की पेयजल सप्लाई इतनी अपर्याप्त है कि अर्बन एस्टेट कॉलोनी के लगभग हर तीसरे मकान में लोगों को सबमर्सिबल लगाना पड़ा है। एक सबमर्सिबल पंप लगाने पर लगभग 25000 से ज्यादा की राशि खर्च होती है। सबमर्सिबल के पानी से छतों पर रखी पानी की टंकी भरने के लिए फिर महंगी बिजली लोगों को फूंकनी पड़ती है। पीने के लिए लोगों को फिर थ्री लेयर पेयजल सप्लाई के रूप में कैंपर का सहारा लेना पड़ता है। सुबह के समय अर्बन एस्टेट, डिफेंस कालोनी और सेक्टर 11 में आरओ के पानी के कैंपर से लदी गाड़ियां नजर आती हैं। पीने के लिए लोग कैंपर का पानी लेते हैं। 10 लीटर के पानी के कैंपर के लिए लोगों को हर रोज 15 रुपए देने पड़ते हैं।
जाट धर्मशाला के पीछे के लोग समुद्र किनारे प्यासे
अर्बन एस्टेट कालोनी में पेयजल संकट कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जाट धर्मशाला के पीछे रहने वाले लोगों की हालत समुद्र किनारे प्यासे जैसी है। यहां हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण प्रशासन का पेयजल सप्लाई का ट्यूबवैल लगा हुआ है, लेकिन ट्यूबवेल के साथ के मकानों में भी पानी की एक बूंद नहीं आती। यहां की शीलू मलिक, अनिल कुमार, विजेंद्र नायडू, जगबीर, पूनम आदि का कहना है कि गर्मी में तो पेयजल का भयावह संकट रहता ही है, सर्दी में भी उन्हें पीने के पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ता है। जैसे ही गर्मी दस्तक देती है, पानी की चिंता उन्हें सताने लगती है।
एचएसवीपी को नहीं पता, प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति कितने लीटर पानी की सप्लाई
अर्बन एस्टेट, डिफेंस कालोनी और सेक्टर 11 में पेयजल की सप्लाई करने वाले एचएसवीपी अधिकारियों को पता नहीं कि इन कालोनियों में प्रतिव्यक्ति, प्रतिदिन कितने लीटर पेयजल सप्लाई हो रहा है। इस विभाग के जेई अनुज का कहना है कि दिन में तीन बार पेयजल की सप्लाई कर रहे हैं। प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कितने लीटर पानी की सप्लाई हो रही है, इसकी डिटेल उनके पास नहीं है। जेई अनुज ने कहा कि गर्मी में पानी की कुछ कमी जरूर हो जाती है, मगर इसके बावजूद प्रयास यही रहता है कि लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हो।