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इनेलो के क्षेत्रीय दल के दर्जे पर खतरा, जजपा का दर्जा फिलहाल सुरक्षित

चंडीगढ़, 9 अक्तूबर (ट्रिन्यू) 15वीं हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों ने राज्य के दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों, इनेलो (इंडियन नेशनल लोक दल) और जजपा (जननायक जनता पार्टी), के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां भाजपा ने 48 सीटों...
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चंडीगढ़, 9 अक्तूबर (ट्रिन्यू)

15वीं हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों ने राज्य के दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों, इनेलो (इंडियन नेशनल लोक दल) और जजपा (जननायक जनता पार्टी), के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है और कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं, वहीं इनेलो को मात्र 2 सीटें और जजपा को एक भी सीट नहीं मिल पाई।

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इन नतीजों से इन दलों का वोट प्रतिशत भी चिंताजनक रहा। इनेलो को कुल 4.14% और जजपा को मात्र 0.90% वोट मिले हैं। चुनाव कानूनों के जानकार और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इनेलो को 5,75,192 और जजपा को 1,25,022 वोट मिले हैं। इस खराब प्रदर्शन के बाद इनेलो का हरियाणा में मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल का दर्जा खतरे में है।

इनेलो की स्थिति

इनेलो को 1998 के लोकसभा चुनावों में 4 सीटें जीतने के बाद क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त हुआ था, जो आज तक कायम है। हालांकि, 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इनेलो का प्रदर्शन खराब रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव में इनेलो को 1.9% और विधानसभा चुनाव में 2.44% वोट मिले थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इनेलो का वोट शेयर केवल 1.74% रहा, और ताज़ा विधानसभा चुनाव में इसे 4.14% वोट मिले। चूंकि इनेलो लगातार दो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में न्यूनतम सीटें और वोट प्रतिशत हासिल करने में विफल रहा है, इसका क्षेत्रीय दल का दर्जा समाप्त हो सकता है।

जजपा की स्थिति

जजपा ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतकर और लगभग 15% वोट शेयर प्राप्त कर क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल किया था। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में जजपा को सिर्फ 0.90% वोट मिले और एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। इसके बावजूद, चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, जजपा का दर्जा अगले चुनाव तक सुरक्षित रहेगा क्योंकि इसे 2019 में पर्याप्त वोट और सीटें प्राप्त हुई थीं। जजपा भी अब अपनी हार के कारणों का पता लगाने में लग गई है। बता दें कि पिछले चुनाव में जजपा ने 10 विधानसभा सीटें जीतीं थीं।

कानूनी प्रावधान

चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश, 1968 के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल को क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए विधानसभा चुनावों में कम से कम 6% वोट और 2 सीटें जीतनी अनिवार्य हैं। इसके अलावा, यदि कोई पार्टी लोकसभा चुनाव में 6% वोट और 1 सीट जीतती है या 8% वैध वोट हासिल करती है, तो भी उसे क्षेत्रीय दल का दर्जा मिल सकता है। इनेलो इन सभी मानकों पर विफल रहा है, जिससे उसका दर्जा समाप्त होने की संभावना है।

भविष्य की संभावनाएं

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एवं चुनाव कानूनों के जानकार हेमंत कुमार ने यह भी बताया कि 2016 में चुनाव आयोग ने आदेश में संशोधन करते हुए यह प्रावधान जोड़ा था कि यदि किसी पार्टी का प्रदर्शन एक चुनाव में खराब होता है, तो उसका दर्जा अगले चुनाव तक सुरक्षित रहता है। हालांकि, इनेलो के लिए यह प्रावधान लागू नहीं होगा क्योंकि यह लगातार दो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर सका है। दूसरी ओर, जजपा का दर्जा अगले विधानसभा चुनाव तक बरकरार रह सकता है, जब तक कि वह उस चुनाव में न्यूनतम आवश्यक सीटें और वोट हासिल करने में विफल न हो।

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