कनाडा में भी बजेगा भारतीय खेती का डंका
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 16 फरवरी
अगर आपको लगे कि भारतीय किसान सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित हैं, तो यह खबर आपकी सोच बदल सकती है। भारतीय किसानों का एक दल कनाडा के सस्केचेवान प्रांत के कृषि मंत्री से मिला और इस मुलाकात में ऐसी बातें हुईं, जो भारतीय कृषि को एक नये मुकाम तक पहुंचा सकती हैं।
नयी दिल्ली स्थित कनाडा हाईकमीशन में हुई इस बैठक में सस्केचेवान के कृषि मंत्री डेरिल हैरिसन और नॉर्दर्न फार्मर्स संगठन के बीच व्यापारिक सहयोग पर विस्तार से चर्चा हुई। सस्केचेवान को दुनिया का फूड, फर्टिलाइजर और फ्यूल हब माना जाता है और अब इस प्रांत की आधुनिक कृषि तकनीक भारतीय किसानों तक पहुंच सकती है।
कनाडा से सीखेंगे खेती का नया फार्मूला
नॉर्दर्न फार्मर्स के सह संस्थापक पुनीत सिंह थिंद ने बताया कि उनके संगठन ने पिछले कुछ वर्षों में सस्केचेवान की कंपनियों के साथ मिलकर कृषि मशीनरी, बायो प्रोडक्ट्स और फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में कई सफल साझेदारियां की हैं। थिंद ने कहा कि हमने सस्केचेवान में अपनी शाखा भी खोल दी हैं ताकि भारतीय किसानों को सीधे अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जा सके।
भारतीय गेहूं और चावल कनाडा में अब सपना नहीं
बैठक में संयुक्त कृषि परिचालन, एक्सचेंज प्रोग्राम और भारत कनाडा कृषि व्यापार को मजबूत करने पर जोर दिया गया। चर्चा हुई कि कैसे भारतीय गेहूं, चावल, मसाले और जैविक उत्पादों को कनाडा के बाजार में उतारा जा सकता है।
किसानों की जुबानी-अब हम भी ग्लोबल खिलाड़ी। बैठक में शामिल रणधीर सिंह, हरबीर सिंह, मनिंदर गिल, नवीन आंतिल और अजय मलिक ने बताया कि अब वक्त आ गया है कि भारतीय किसान सिर्फ अपनी मंडियों तक सीमित न रहें, बल्कि ग्लोबल ब्रांड बने। एक किसान ने कहा कि अगर कनाडा के किसान सैकड़ों एकड़ में फसल उगा सकते हैं, तो हम भी अपनी खेती को आधुनिक तकनीक से नयी ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
अब खरीदारों का इंतजार नहीं करेंगे किसान
इस बैठक से यह साफ हो गया कि भारतीय किसान अब केवल खरीदारों का इंतजार नहीं करेंगे, बल्कि खुद वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे। आने वाले समय में भारतीय गेहूं, फल, सब्जियां और जैविक उत्पाद कनाडा, यूरोप और अमेरिका तक पहुंच सकते हैं।