India-Pakistan Tension : पाकिस्तान के स्लीपर सेल राडार पर, यूट्यूब चैनलों पर भी नजर; सख्त कार्रवाई करेगी सरकार
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 20 मई।
भारत और पाकिस्तान के बीच बेशक सीजफायर लागू है, लेकिन हरियाणा सरकार अभी भी अलर्ट मोड पर ही रहेगी। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर पुलिस तुरंत एक्शन ले रही है। सीएम नायब सिंह सैनी ने पुलिस के आला अफसरों को दो-टूक कहा है कि संदिग्धों पर पैनी नजर रखें। सोशल मीडिया मुख्य रूप से यूट्यूब पर आपत्तिजनक सामग्री डालने वालों को सख्ती से निपटा जाए।
सीएम मंगलवार को चंडीगढ़ में कानून एवं व्यवस्था के मुद्दे पर हाई लेवल मीटिंग में बोल रहे थे। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के स्लीपर सेल पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। पिछले कुछ दिनों में पुलिस ने ऐसे संदिग्ध लोगों को पकड़ा भी है, जिन पर पाकिस्तान की एजेंसियों को जानकारी भेजने के आरोप लगे हैं। ज्योति मल्होत्रा प्रकरण भी इन दिनों गरमाया हुआ है। सीएम ने यूट्यूबर्स पर विशेष नजर रखने को कहा है। वहीं दूसरी ओर, सरकार ने अधिकारियों के स्टेशन छोड़ने पर फिर से रोक लगा दी है।
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों बने युद्ध जैसे हालातों को देखते हुए सरकार ने अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करने के साथ-साथ उनके स्टेशन छोड़ने पर रोक लगा दी थी। सीजफायर लागू होने के बाद इन आदेशों को वापस ले लिया था। लेकिन मंगलवार को मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाग प्रमुखों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों, जिला उपायुक्तों व एसडीएम को लिखित में आदेश जारी करके स्पष्ट कहा है कि अधिकारी स्टेशन नहीं छोड़ेंगे।
बैठक में सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पुलिस और सिविल प्रशासन को निर्देश दिए कि वे जमीनी स्तर पर एक टीम के रूप में कार्य करें ताकि अपराध और अपराधियों का प्रभावी तरीके से खात्मा किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हरियाणा को एक ‘शून्य अपराध राज्य’ बनाना है। मुख्यमंत्री आज सिविल सचिवालय में अपराध और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील, हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक ओपी सिंह, सीआईडी चीफ सौरभ सिंह सहित पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी शिकायतकर्ता को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए बार-बार थाने के चक्कर न लगाने पड़ें। यदि किसी कारणवश एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, तो पुलिस को उसे स्पष्ट कारणों की जानकारी देनी होगी ताकि शिकायतकर्ता संतुष्ट हो सके। मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा चलाए गए अभियानों जैसे ‘साइक्लोथॉन’ और जागरूकता कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिर्फ युवा ही नहीं, समाज के सभी वर्गों ने इन अभियानों में उत्साहपूर्वक भाग लिया है, जिससे नई पीढ़ी को नशे से दूर रखने में मदद मिली है।
सीमावर्ती जिलों में बढ़ेगी निगरानी
बैठक के दौरान सीएम ने पुलिस को निर्देश दिए कि ग्राम स्तर पर सरपंचों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी सुनिश्चित कर नशे के खिलाफ अभियान को और मजबूत किया जाएं। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले से नशे की गिरफ्त में हैं, उन्हें तुरंत नशामुक्ति केंद्रों में उपचार की सुविधा मिलनी चाहिए। राज्य के सभी नशामुक्ति केंद्रों की नियमित जांच की जाए ताकि दवाइयों और जरूरी संसाधनों की उपलब्धता बनी रहे। इसके साथ ही, सीमावर्ती जिलों और संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ाकर नशे की सप्लाई और मांग के नेटवर्क को तोड़ने के निर्देश दिए हैं।
अपराधियों के परिवारों पर गाज
जो अपराधी बार-बार अपराध करते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही, अब हत्या, दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त अपराधियों, गैंगस्टरों और दोहराव वाले अपराधियों के परिवारों को किसी भी प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। सीएम ने इस पर एक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पैरोल या फरलो पर छोड़े गए अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए ताकि वे इस दौरान कोई नया अपराध न करें।
गैंगस्टरों के प्रत्यर्पण प्रक्रिया में लाएं तेजी
सीएम ने दोहराया कि हरियाणा में गैंगस्टरों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि विदेश मंत्रालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर विदेशों में छिपे गैंगस्टरों के प्रत्यर्पण या डिपोर्ट की प्रक्रिया को तेज किया जाए। साइबर अपराध के मामलों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए कई उपायों के कारण साइबर ठगी के मामलों में कमीं आई है। इन प्रयासों का उद्देश्य नागरिकों की मेहनत की कमाई को साइबर अपराधियों से सुरक्षित रखना है।
लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहरों और कस्बों में अपराधियों और असामाजिक तत्वों की निगरानी के लिए सीसीटीवी निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि जरूरत के अनुसार प्रमुख स्थानों पर नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और पहले से लगे कैमरों को पूरी तरह कार्यशील रखा जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यूट्यूब चैनलों पर प्रसारित आपत्तिजनक सामग्री की जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए।
4,054 गांव और 859 वार्ड नशामुक्त
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा ने बताया कि अभी तक 4 हजार 54 गांव और 859 वार्डों को नशामुक्त घोषित किया जा चुका है। इसके अलावा 2 हजार 515 गांवों में खेल गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें 1 लाख 96 हजार युवाओं ने भाग लिया। राज्यभर में 2,482 जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें कुल 16.5 लाख लोगों की भागीदारी रही।