इन्द्री, 26 दिसंबर (निस)
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि किसान आंदोलन का राजनीतिकरण किया जाना किसान आंदोलन के भविष्य के लिए पूर्णरूप से घातक सिद्व होगा। कुछ किसान नेता राजनीति से प्रेरित होकर किसान आंदोलन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे। पंचायत युवा किसान नेता सतीश चौगामा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। किसान पंचायत में दिल्ली किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले किसान योद्वाओं को हरे पटके पहना कर सम्मानित किया गया।
पंचायत को सम्बोधित करते हुए भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन का सन् 1979 में मात्र किसानों की समस्यों के निवारण करने के लिए गठन किया गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ सत्ता के लालची लोग किसानों की पीठ पर पैर रख कर सत्ता की कुर्सी बटोरने के लिए लालायित हो रहे हैं। इससे किसान आंदोलन कमजोर होने की दिशा में जा रहा है। मान ने कहा कि प्रदेश सरकार नम्बरदारी प्रथा व वृद्धावस्था पेंशन को खत्म करने के प्रयास कर रही है। किसान पंचायत में सरकार के इन प्रयासों की निंदा की गई। किसान नेता मान ने आने वाली 31 दिसंबर को जगाधरी अनाज मंडी में सम्मान समारोह में पहुंच रहे प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत के आगमन पर पहुंचने का किसानों को न्योता दिया।