सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 12 जुलाई
चंद मिनट की बारिश ने ही पिहोवा शहर की गलियों और सड़कों को तालाब में बदल दिया। तेज बारिश ने प्रशासन के उन तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी, जिसमें दावा किया गया था कि इस बार शहर के नालों की सफाई युद्ध स्तर पर की गई है, इस बार जलभराव की स्थिति शहर के अंदर नहीं बनेगी। लेकिन पहली ही बारिश ने नगरपालिका के सभी दावों को पानी में भिगो दिया।
मॉडल टाउन, सरस्वती द्वार, मुख्य चौक, मेन बाजार सरस्वती बाजार अंबाला रोड, कैथल रोड, अनाज मंडी, तहसील परिसर की सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी भर गया, जिससे मुख्य चौक-चौराहे, कॉलोनियां और बाजार तालाब में तब्दील हो गए। मॉडल टाउन, नंद कॉलोनी, प्रोफेसर कॉलोनी, भैया कॉलोनी, पूजा कॉलोनी आदि क्षेत्र और भीतरी गलियां भी जलमग्न हो गईं। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश का अलर्ट जारी किया था, बावजूद इसके नालों और सीवरेज की सफाई समय पर नहीं हुई। नतीजा यह रहा कि सीवरेज ओवरफ्लो हो गया, गलियों में सड़े पानी की बदबू फैल गई, और लोगों को खुद बाल्टी-मग लेकर पानी निकालना पड़ा।
दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई और कहा कि हर साल लाखों खर्च होते हैं, लेकिन नतीजा शून्य रहता है। इस बार तो शहर के ऐसे क्षेत्रों में पानी जमा हो गया। जहां पर लोग जलभराव के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। प्रशासन के तमाम दावे पानी में बह गए, लोग तंज कसते दिखे कि इंद्रदेवता ने खुद अधिकारियों की पोल खोल दी है।
हर साल की तरह इस बार भी बारिश ने दिखा दिया कि कागजी दावे और दिखावटी तैयारी, असलियत में बेमानी हैं। जब तक नगर पालिका अधिकारी व जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ईमानदारी और जनता के प्रति अपना कर्तव्य नहीं समझेंगे। अंबाला कैथल रोड, शहर का मुख्य बाजार गुरुद्वारा रोड, तहसील रोड, सरस्वती द्वार व सरस्वती चौक सभी जल भराव के कारण, राहगीरों को मजबूरन बंद मोटरसाइकिलों को खींचकर ले जाना पड़ा। बारिश की वजह से हुए ट्रैफिक जाम को भी लोगों को झेलना पड़ा।
प्रशासन ने दावा किया कि 2-3 घंटे में पानी निकाल दिया गया, लेकिन असलियत ये है कि ज्यादातर जगहों पर जलभराव हुआ और कई इलाकों में बदबूदार पानी अब भी जमा है। बुद्धिजीवियों ने के मुताबिक अवैध निर्माण, अतिक्रमण, खराब ड्रेनेज, नालों की सफाई में लापरवाही और गलत ढलान के कारण हर साल यही हाल होता है। लोगों ने नगरपालिका के प्रति जताई नाराजगी है।