जापान की मदद से हरियाणा में शुरू होगा बागवानी प्रोजेक्ट
चंडीगढ़, 17 मार्च (ट्रिन्यू)
प्रदेश सरकार राज्य में बागवानी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए जापान के सहयोग से एक महत्वाकांक्षी योजना लागू करने जा रही है। इस सस्टेनेबल बागवानी प्रोजेक्ट पर आगामी 9 वर्षों में 2738 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे प्रदेश के 22 जिलों में 400 बागवानी कलस्टर स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इस योजना के पहले चरण के लिए 2025-26 में 138 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने घोषणा की कि इस परियोजना से फल-सब्जी उत्पादकों की आय बढ़ेगी और राज्य में बागवानी क्षेत्र का तेजी से विस्तार होगा। अब प्रदेश के सभी 22 जिलों को बागवानी मिशन के तहत कवर किया जाएगा। पहले यह योजना केवल 19 जिलों तक सीमित थी, लेकिन अब फरीदाबाद, रेवाड़ी और कैथल को भी इसमें जोड़ा गया है। इसके अलावा, ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर अब सभी फसलों के लिए इंटरक्रॉपिंग की सुविधा मिलेगी।
कोल्ड स्टोरेज के लिए सस्ती बिजली
बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कोल्ड स्टोरेज की बिजली दरों में कटौती की है। अब 20 किलोवाट से अधिक लोड वाले कोल्ड स्टोरेज को 7.50 रुपये प्रति यूनिट की बजाय 6.50 रुपये प्रति यूनिट दर पर बिजली मिलेगी। यह राहत मशरूम कम्पोस्ट, हाईटेक हाईड्रोपोनिक्स, ऐरोपोनिक्स और एफपीओ द्वारा बनाए गए कोल्ड स्टोरेज पर भी लागू होगी। हरियाणा में फल-सब्जी उत्पादकों के लिए गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय फल व सब्जी मंडी बनाई जा रही है। इसका पहला चरण नवंबर 2025 तक पूरा होगा, जिसमें 400 दुकानें और 5 बड़े शेड होंगे। सरकार इस परियोजना पर 2600 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
इन योजनाओं से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा
गुरुग्राम में हाईटेक फूल मंडी : गुरुग्राम में आधुनिक और वातानुकूलित फूल मंडी स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा, रेवाड़ी के मनेठी गांव में भी एक नया मार्केट यार्ड बनाया जाएगा, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
हिसार एयरपोर्ट से होगा बागवानी उत्पादों का निर्यात : हिसार में बन रहे महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एयर कार्गो टर्मिनल स्थापित किया जाएगा, जिससे हरियाणा के बागवानी उत्पाद सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सकेंगे। इसके लिए सरकार ने 5 एकड़ भूमि चिह्नित की है।
दक्षिण हरियाणा में सरसों और सूरजमुखी तेल मिल : राज्य में सबसे बड़ी आधुनिक सरसों तेल मिल दक्षिण हरियाणा में और सबसे बड़ी सूरजमुखी तेल मिल कुरुक्षेत्र में पीपीपी मॉडल पर स्थापित की जाएगी।
सिरसा में जूस प्रोसेसिंग प्लांट : हरियाणा में किन्नू की खेती को बढ़ावा देने के लिए सिरसा में जूस प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा। इसे हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन और हरियाणा डेयरी विकास सहकारी संघ मिलकर स्थापित करेंगे।