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अम्बाला में उपचुनाव की आस, चुनाव आयोग कर रहा मंथन

चंडीगढ़, 27 अगस्त (ट्रिन्यू) अम्बाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव की अभी भी संभावना बरकरार है। केंद्रीय चुनाव आयोग के पास अम्बाला के अलावा महाराष्ट्र की दो और उत्तर प्रदेश की एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव करवाने का मामला लंबित है।...
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चंडीगढ़, 27 अगस्त (ट्रिन्यू)

अम्बाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव की अभी भी संभावना बरकरार है। केंद्रीय चुनाव आयोग के पास अम्बाला के अलावा महाराष्ट्र की दो और उत्तर प्रदेश की एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव करवाने का मामला लंबित है। उपचुनाव की प्रक्रिया अभी विचाराधीन है। यानी ना तो यह फैसला हुआ है कि उपचुनाव नहीं होगा और ना ही यह स्पष्ट है कि उपचुनाव करवाया जाएगा। ऐसे में दोनों तरह की स्थिति बनी हुई हैं।

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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार की आरटीआई के जवाब में केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस आशंका से इंकार किया है कि उपचुनाव नहीं होंगे। पिछले दिनों आयोग द्वारा विभिन्न राज्यों में विधानसभा की खाली सीटों पर उपचुनाव करवाने का कार्यक्रम तो जारी कर दिया था, लेकिन लोकसभा की खाली सीटों को भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं की थी। उसके बाद से ही यह माना जा रहा है कि अम्बाला सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। यहां से सांसद रहे रतन लाल कटारिया के निधन के बाद से यह सीट रिक्त है।

हेमंत कुमार विधि एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विधायी विभाग में आरटीआई आखिल कर अम्बाला उपचुनाव को लेकर जानकारी मांगी थी। विधायी विभाग ने इस याचिका को भारतीय चुनाव आयोग को स्थानांतरित कर दिया। चुनाव आयोग के सचिव एवं केंद्रीय जनसूचना‌ अधिकारी संजीव कुमार प्रसाद ने अपने जवाब में बताया कि लोकसभा सीट रिक्त होने के छह महीने के भीतर उस सीट पर उपचुनाव कराने की समय सीमा होती है। हालांकि चुनाव आयोग केंद्र सरकार से परामर्श के पश्चात प्रमाणित कर सकता है कि उपरोक्त छह माह की अवधि में उपचुनाव करवाना संभव है या नहीं।

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