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उच्चतर शिक्षण संस्थान इंटर्नशिप को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनायें : शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा

जेसी बोस विश्वविद्यालय में इंटर्नशिप पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
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फरीदाबाद में जेसी बोस विश्वविद्यालय में इंटर्नशिप पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा।  -हप्र
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शिक्षा मंत्री ने की घोषणा... विश्वविद्यालयों में कुलपति अब कुलगुरु कहलायेंगे

फरीदाबाद, 6 जून (हप्र)

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शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश के उच्चतर शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप को अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनायें। पाठ्यक्रम के उपरांत विद्यार्थियों के इंटर्नशिप प्रशिक्षण को लेकर किसी प्रकार का समझौता न किया जाये। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा आज जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए में इंटर्नशिप पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप के लिए परस्पर सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी राज नेहरू, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष प्रोएसके गखड़, जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर, हरियाणा विद्या भारती के अध्यक्ष डॉ. डीपी भारद्वाज, हरियाणा की सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के अलावा विश्वविद्यालयों से डीन, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी और संबद्ध कॉलेजों के निदेशक प्राचार्य शामिल रहे। मंत्री ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालयों में कुलपति पदनाम में बदलाव की पहल करें और कुलपति के स्थान पर भारतीय परम्परा अनुसार कुलगुरु लिखना व उपयोग करना शुरू करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय अधिनियम में आवश्यक संशोधन लाया जायेगा। विश्वविद्यालयों में कुलपति पदनाम में बदलाव का प्रस्ताव भारतीय शिक्षण मंडल की ओर से अखिल भारतीय महामंत्री सुनील शर्मा द्वारा रखा गया था।

मुख्यमंत्री के ओएसडी राज नेहरू जोकि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलगुरु के साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की विभिन्न समितियों का हिस्सा रहे हैं, ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मौजूदा समय में युवा पढ़ाई के साथ-साथ प्रयोगिक अभ्यास एवं कौशल भी चाहता है, लेकिन यह अभ्यास उसे शिक्षण संस्थानों में नहीं मिल पाता। इसलिए उद्योग एवं अकादमिक संवाद एवं सहभागिता को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ.साथ शिक्षकों के लिए भी उद्योगों में इटर्नशिप की शुरूआत करने की पहल पर बल दिया। सत्र को संबोधित करते हुए हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा ने प्रतिभागियों को कार्यशाला की विषय वस्तु से परिचित करवाया। उन्होंने उच्चतर शिक्षण संस्थानों से प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के प्रति छात्रों को जागरूक बनाने का आह्वान किया, जिसके अंतर्गत 12 महीने की सशुल्क इंटर्नशिप का प्रावधान है।

कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं में प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. सोमनाथ सचदेवा, प्रो. पीके शर्मा, प्रो. असीम मिगलानी के अलावा फरीदाबाद नगर निगम की मेयर प्रवीण जोशी, डॉ. मंजूला चौैधरी, जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अजय रंगा व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य

कार्यशाला में शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में व्यवहारिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है, ताकि हमारे विद्यार्थी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में छात्रों के लिए इंटर्नशिप को सरल तरीके से लाया जा रहा है ताकि छात्र उद्योग के साथ.साथ अगर चाहे तो गांव में रह कर भी इंटर्नशिप कर सकें। इसके साथ हीए शिक्षकों का ध्यान रखना होगा कि कोई छात्र इंटर्नशिप का झूठा सर्टिफिकेट लेकर न आये। कार्यशाला में यह भी चर्चा की गई कि सभी विश्वविद्यालय अप्रेंटिसशिप इंटीग्रेटेड डिग्री प्रोग्राम शुरू करें, जिसमें प्रोग्राम की पूरी अवधि के 50 प्रतिशत अवधि की अप्रेंटिसशिप संस्थान के साथ हो सकती है। इसके लिए बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग के साथ या फिर इंस्टीट्यूट ऑफ अप्रेंटिसशिप के साथ समझौता करना चाहिए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा इस वर्ष बीसीएए बीकॉम, बीएससी (इवेंट मैनेजमेंट), बीएससी (मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी) विषयों में एईडीपी शुरू किया जा रहा है।

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