हरियाणा के कैबिनेट मंत्री गंगवा ने अधिकारियों पर दिखाई सख्ती, कहा- जनप्रतिनिधियों के उठाएं फोन, अच्छा काम चाहिए
जनस्वास्थ्य मंत्री रणबीर गंगवा ने विभागीय अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
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हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने अधिकारियों की कड़ी क्लास लगाई है। अपने अधीन आने वाले पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को उन्होंने सीधे शब्दों में कहा है कि वे जनप्रतिनिधियों के फोन उठाएं। अगर किसी वजह से फोन नहीं उठा पाते हैं तो बाद में कॉल करें। जनप्रतिनिधियों के पास जनता अपनी समस्याएं लेकर आती है और उम्मीद करती है कि उनका समाधान होगा। वे आज चंडीगढ़ में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे।
उन्होंने कहा कि फोन उठाना केवल औपचारिकता नहीं, यह आपके दायित्व का हिस्सा है। सरपंच, एमसी से लेकर दूसरे जनप्रतिनिधियों की बात को प्राथमिकता के आधार पर सुनें और उनका हल करें। चूंकि मोहल्ला अथवा गांव की समस्या सबसे पहले इनके पास आती है। ऐसे में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं और समस्या का हल करें। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग सीधा जनता के जीवन से जुड़ा हुआ विभाग है, इसलिए हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू करना है। इसके लिए हमें मिलकर जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा।
बैठक के दौरान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद शाइन, मुख्य चीफ अभियंता देवेंद्र दाहिमा, असीम खन्ना सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। प्रदेशभर से एससी, एक्सईन, एसडीओ व जेई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में जुड़े। बैठक में अमृत योजना के तहत चल रहे कार्यों की जिलावार समीक्षा की गई। गंगवा ने कहा कि अमृत योजना के तहत जो भी प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, उनकी निगरानी और क्रियान्वयन में कोई ढिलाई न बरती जाए। यह योजना शहरी बुनियादी ढांचे के सुधार और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए है, इसलिए इसमें देरी या कम गुणवत्ता का कार्य स्वीकार नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई।
गुणवत्ता से समझौता नहीं, सस्ते टेंडर पर चेतावनी
गंगवा ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाया। अगर कोई ठेकेदार कम रेट पर टेंडर भरता है, तो इसका यह मतलब नहीं कि वह घटिया सामग्री इस्तेमाल करे। हमें अच्छा काम चाहिए। काम की मजबूती और गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी परियोजना में इस्तेमाल हो रहे मैटेरियल की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए। इसके लिए समय समय पर सैम्पल लेने की प्रक्रिया को अमल में लाया जाए। जहां निर्माण कार्य चल रहा हो, वहां जेई खास नज़र रखे। सीमेंट, सरिया और दूसरी सामग्री उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए।
पानी निकासी की जिलावार समीक्षा
मंत्री ने प्रदेश में हालिया बारिश के बाद पानी निकासी की स्थिति का भी जिला-वार विवरण मांगा। अधिकारियों ने बताया कि किन जिलों में कितनी बारिश हुई, और कितनी देर में पानी की निकासी हो सकी।गंगवा ने कहा कि कि जल निकासी की प्रक्रिया को और तेज किया जाए, ताकि भविष्य में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। संबंधित विभागों में बेहतर तालमेल बनाकर काम किया जाए। इस दौरान भिवानी, लोहारू, सिवानी, आदमपुर, महेंद्रगढ़, कलानौर, सांपला, महम, रानियां, कालांवाली, डबवाली में बारिश के पानी की निकासी में लगे वक्त को लेकर भी रिपोर्ट ली।
5 हजार करोड़ से अधिक के चल रहे कार्य
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि इस समय प्रदेशभर में 50 से ज्यादा प्रोजेक्ट चल रहे है। इन पर कुल 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है, जिनमें कई कार्य सीएम अनाउंसमेंट से जुड़े हैं। इसके अलावा 297 करोड़ के 19 प्रोजेक्ट्स स्ट्रोम वॉटर के चल रहे हैं। इन कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग हो और समयसीमा के भीतर इन्हें पूरा किया जाए।
एमरजेंसी वर्क के लिए एसओपी
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने प्रदेश में जनस्वास्थ्य विभाग के होने वाले आपातकालीन कार्यों के लिए भी चर्चा की। इस पर अधिकारियों ने बताया कि विभाग की तरफ से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को बनाया है। गंगवा ने इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए। सओपी को हर जिले में भेजा जाएगा ताकि किसी भी आपदा, बारिश, सीवर ब्लॉकेज या अन्य स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। इससे कार्य कुशलता बढ़ेगी और विभाग की तत्परता बनी रहेगी। भ्रष्टाचार किसी कीमत पर सहन नहीं होगा।
सफाई मशीनों की रिपोर्ट पर भी चर्चा
बैठक में सफाई कार्यों में प्रयुक्त मशीनों की स्थिति और रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। मंत्री ने मशीनों की कार्यक्षमता और रखरखाव पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई मशीन खराब है या कम क्षमता से काम कर रही है, तो उसे तुरंत ठीक किया जाए या बदला जाए। बैठक में प्रदेश में मौजूद सुपर सक्कर मशीन, हाईड्रा मशीन और ग्रेव, रोबेटिक मशीनों को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने जरूरत वाले क्षेत्र में नई मशीने पहुंचाने के निर्देश भी दिए।
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