ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 1 जून
पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू), चंडीगढ़ में अब हरियाणा को हिस्सेदारी मिलने की ओर सकारात्मक कदम बढ़े हैं। हरियाणा के कुछ कॉलेज पंजाब विश्वविद्यालय से अटैच हो सकते हैं। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के साथ बृहस्पतिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्zwnj;टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बैठक हुई। पुरोहित ने दोनों मुख्यमंत्रियों से कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी मामले में आपसी सहमति से आगे बढ़ना चाहिए और हरियाणा के कॉलेजों की पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता संभव है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के तहत पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा राज्य का हिस्सा दिया गया था और हरियाणा के कॉलेज और क्षेत्रीय केंद्र पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध थे, लेकिन 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया। आज के युग में अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से भी राज्यों के कॉलेजों की संबद्धता हो रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि सभी शिक्षण संस्थान देश की उन्नति में सहयोग करें और सभी राज्यों का आपसी संबंध और प्रगाढ़ हो। इसलिए हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से की जाए। उन्होंने कहा कि पीयू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है और इसमें हरियाणा के कॉलेज का भी एफिलिएशन होना चाहिए। केंद्र के साथ मिलकर हरियाणा सरकार पंजाब विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाएगी ताकि विश्वविद्यालय समृद्ध बने और उसकी अावश्यकताएं भी पूरी हों।
खट्टर ने पंजाब सरकार को सुझाव दिया कि युवाओं के भविष्य के लिए पंजाब के कॉलेज भी यदि हरियाणा के साथ जुड़कर काम करना चाहें तो हम उनका स्वागत करते हैं। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए इन विषयों को अंतिम रूप देने के लिए कुछ समय मांगा। आगामी 5 जून को दोबारा सभी पक्षकारों की बैठक होगी।
बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ, हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना लोकसंपर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव रतन, सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव आदित्य दहिया, पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रेनू विग सहित पंजाब और चंडीगढ़ के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।