Haryana Water Crisis: हरियाणा में जल संकट गहराया, हाई कोर्ट में पांच दिन बाद सुनवाई
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 15 मई
Haryana Water Crisis: हरियाणा में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश के एक दर्जन के करीब जिलों में सबसे बुरी स्थिति है। डिमांड के अनुसार पानी की उपलब्धता नहीं होने की वजह से परेशानी बढ़ी है। पंजाब के साथ पानी को लेकर विवाद में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। उधर, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भी पानी विवाद को लेकर चल रहे केस में अब 20 मई को सुनवाई की जाएगी। वहीं 21 मई से वाटर अलॉटमेंट का नया साल शुरू हो जाएगा।
वाटर अलॉटमेंट को लेकर ही भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में बैठक भी होगी। इसी बैठक में तय किया जाएगा कि किस प्रदेश को कितना पानी दिया जाएगा। माना जा रहा है कि 21 मई से भाखड़ा-नंगल डैम से हरियाणा को 8500 क्यूसिक के करीब पानी मिलना शुरू हो सकता है। फिलहाल पंजाब के विरोध के चलते हरियाणा को 4000 क्यूसिक पानी ही मिल रहा है। पानी की आपूर्ति घटने की वजह से अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़, भिवानी, हिसार, रोहतक व झज्जर आदि जिलों में संकट गहरा गया है।
वहीं दूसरी ओर, हरियाणा के पब्लिक हेल्थ विभाग के मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पेयजल के मुद्दे पर अहम बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन की पेयजल को लेकर आने वाली शिकायतों पर अधिकारी तुरंत एक्शन लें। इसके लिए एक्सईएन, एसडीओ और जेई की जवाबदेही तय की गई है। हालांकि इस बात का जवाब ना तो सरकार के पास है और ना ही अधिकारियों के पास कि पानी की उपलब्धता के बिना यह समस्या दूर कैसे होगी।
बैठक में भाखड़ा डैम से पानी की मात्रा कम होने के दौरान बनी पेयजल की स्थिति को लेकर जिलावार रिव्यू किया गया। जिलों के एसई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक से जुड़े। मोरनी हिल्स और रोहतक में दूसरे जिलों के मुकाबले पानी का संकट काफी गहराया हुआ है। कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को इसका तुरंत समाधान निकालने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग विशेष मुहिम चलाकर अवैध कनेक्श काटे। साथ ही, यह भी निर्देश दिए कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
गंदगी युक्त पानी की सप्लाई पर होगा एक्शन
स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री गंगवा ने कहा कि प्रदेश में सप्लाई होने वाले पेयजल में सीवरेज अथवा किसी प्रकार की गंदगी युक्त मिक्स पेयजल सप्लाई नहीं होना चाहिए। अगर इस बारे में शिकायत मिलती है तो एक्सईन, एसडीओ और जेई तुरंत एक्शन लें। शिकायत को एक समयबद्ध तरीके से हल करने की अधिकारी प्लानिंग करें। गंगवा ने सभी जिलों के आला अधिकारी को निर्देश दिए कि वो यह सुनिश्चित करें कि जलघरों में जब पानी का स्टॉक किया जाता है तो उस वक्त भी किसी सीवरेज की लिकेज लाइन का पानी मिक्स होकर वहां ना पहुंचे।
महाग्राम योजना पर भी चर्चा
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे महाग्राम योजना को लेकर भी सर्तकता बरतें। किसी भी गांव में इससे संबंधित कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। आने वाले दिनों में वे स्वयं भी औचक निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है, उनकी भी नियमित मॉनिटरिंग होगी। उन्होंने कहा कि लाइन िबछाने के बाद ठेकेदार द्वारा गली व सड़क की ठीक से मरम्मत नहीं की जाती। ऐसा करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सैंकड़ों जलघर सूखे, एक बूंद पानी नहीं
बैठक में अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि बड़ी संख्या में जलघर सूखे पड़े हैं। सिरसा, भिवानी, हिसार, कैथल व सोनीपत में पेयजल की समस्या सबसे अधिक देखने को मिली। अधिकारियों ने टैंकर के जरिये इन शहरों में पानी की आपूर्ति की कोशिश की। इतना ही नहीं, कई शहरों में नहराें से लिफ्टिंग के जरिये भी पानी पहुंचाया गया। गंगवा ने कहा कि पानी की ग्रामीण और शहरी एरिया में राशनिंग प्लानिंग के साथ हो ताकि किसी को दिक्कत ना हो। यहां बता दें कि कई से जुलाई तक पानी की डिमांड और भी अधिक रहती है, इसके लिए भी अधिकारियों को प्लानिंग करने को कहा गया है।