चंडीगढ़, 9 अगस्त (ट्रिन्यू)
पंजाब और हरियाणा के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में अपने हक को लेकर हरियाणा एक हो गया है। मंगलवार को विधानसभा में इस बाबत सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांग की गई है कि पंजाब विवि में हरियाणा का हिस्सा बहाल किया जाए। झज्जर से विधायक गीता भुक्कल की ओर से यह संकल्प सदन में पेश किया गया था।
अब इस संकल्प को गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा ताकि केंद्र में पंजाब यूनिवर्सिटी में हिस्से की हिस्सेदारी की मजबूती से पैरवी की जा सके। पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाब विवि में हरियाणा को अपनी वह हिस्सेदारी वापस लेनी चाहिए, जो किसी भी वजह से खत्म हो गई है। इसका सबसे अधिक नुकसान यह भी हो रहा है कि यूनिवर्सिटी में हरियाणा के विद्यार्थियों को एडमिशन में कोई प्राथमिकता नहीं मिलती। यूनिवर्सिटी में देश के अन्य राज्यों के लिए तय 15 प्रतिशत सीटों के कोटे में ही हरियाणा भी शामिल है। हिस्सेदारी बहाल होने से इसका सीधा फायदा हरियाणा के विद्यार्थियों को मिलेगा। भुक्कल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने पिछले दिनों ही राज्यसभा में कहा है कि पीयू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी नहीं बनाया जा रहा। ऐसे में हरियाणा को अपने अधिकार के लिए लड़ना चाहिए। गीता भुक्कल के संकल्प पर भाजपा विधायक डॉ़ अभय सिंह यादव व नारनौंद से जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने भी समर्थन किया। अपने जवाब में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है। सीएम मनोहर लाल इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री को दो बार पत्र लिख चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी काफी गंभीर हैं और वे भी गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख चुके हैं।
5 से 7 नवंबर तक होगी कॉमन पात्रता परीक्षा
हरियाणा के युवाओं का इंतजार अब खत्म हो रहा है। सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली कॉमन पात्रता परीक्षा (सीईटी) का ऐलान कर दिया है। यह परीक्षा तीन दिन – 5 से 7 नवंबर तक चलेगी। सीएम मनोहर लाल ने मंगलवार को विधानसभा में इसका ऐलान किया। सीईटी एग्जाम बार-बार स्थगित करने का महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने विरोध किया था।