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Haryana Politics: कुमारी सैलजा का दावा- हरियाणा में एक साल में पांच लाख बच्चे बीच में छोड़ चुके पढ़ाई

Haryana Politics: कहा- सरकार को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए
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चंडीगढ़, 17 फरवरी (हप्र)

Haryana Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार हरियाणा का वर्तमान और भविष्य चौपट करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां बेरोजगारी बढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर बच्चे स्कूलों से दूर होते जा रहे है, एक साल में प्रदेश भर के साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों का बीच में ही पढ़ाई छोड़ देना गंभीर चिंता का विषय है। सरकार को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए।

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मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट छात्रों की समस्या बढ़ती जा रही है। सरकार को एससी और एसटी समुदायों के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथ, बेघरों, प्रवासियों, विमुक्त जनजातियों के समूहों की आबादी को शिक्षा के साथ जोड़ने के लिए कदम उठाने चाहिए।

प्रदेश में 28 स्कूल ऐसे हैं, जिनके एक भी बच्चा नहीं पढ़ता। इन स्कूलों में शिक्षक आते हैं और बिना बच्चों को पढ़ाए चले जाते हैं। प्रदेश के शिक्षा निदेशालय के दिए आंकड़ों खुद बोल रहे है कि एक साल में प्रदेश भर के साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। एक साल में हरियाणा के सरकारी स्कूलों के 2.58 लाख से अधिक बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है, जबकि इसी अवधि में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 2.91 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने बीच में ही स्कूल छोड़ा है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि गांवों में सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या कम है ऐसे में बच्चे आगे नहीं पढ़ जाते, जहां पर स्कूलों की दूरी दो किमी से दूर होती है वहां पर अभिभावक लड़कियों की शिक्षा बीच में ही छुड़वा देते है ऐेसे में अधिकतर लड़कियां स्कूल जाना छोड़ देती है। रोजी-रोजगार की तलाश में मजदूर दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर जाते है ऐसे में उनके बच्चों की पढ़ाई भी बीच में छूट जाती है।

भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पलवल, सोनीपत और यमुनानगर में कुछ स्कूल ऐसे है जहां छात्र संख्या शून्य है। इन 28 स्कूलों में 19 जेबीटी शिक्षक कार्यरत हैं। अगर सरकार बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहती है तो सबसे पहले शिक्षा पर ध्यान देना होगा, स्कूलों में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध करवानी होगी जो जरूरी है। बच्चे क्यों स्कूल छोड़ रहे है इस बात का पता बच्चों के अभिभावकों से मिलकर पता करना चाहिए।

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