Social media पर नफरत फैलाने वालों पर हरियाणा पुलिस का शिकंजा, गैंगस्टरों की पोस्ट लाइक व शेयर करने वाले भी रडार पर
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 19 मार्च
हरियाणा पुलिस ने पिछले 10 वर्षों में समाज में नफरत फैलाने वाले भाषणों और सोशल मीडिया हैंडल्स के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान कुल 297 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि 472 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त, 502 सोशल मीडिया हैंडल्स के यूआरएल को इंटरनेट से हटाया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि बदलते तकनीकी परिवेश में हर व्यक्ति डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर रहा है, लेकिन इसके दुरुपयोग की संभावनाएं भी अधिक हैं। ऐसे में, हरियाणा पुलिस समाज में नफरत फैलाने वाले भाषणों और पोस्ट के खिलाफ सतर्कता से कार्य कर रही है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इन मामलों में तेजी से कार्रवाई करते हुए 87.87 प्रतिशत मामलों को सुलझा लिया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे एक्स (Twitter), इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर गैंगस्टरों की पोस्ट को लाइक और शेयर करने वाले लोगों पर भी क्राइम ब्रांच की टीम विशेष नजर रख रही है।
युवाओं की काउंसलिंग पर जोर
गैंगस्टरों द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड की गई पोस्ट युवाओं को अपराध की ओर आकर्षित करती हैं। इसे रोकने के लिए पुलिस ऐसे युवाओं की पहचान कर उनके परिजनों को बुलाकर काउंसलिंग कर रही है। पुलिस महानिदेशक कपूर ने आमजन से अपील की है कि वे गैंगस्टरों द्वारा अपलोड की गई किसी भी पोस्ट को लाइक या शेयर न करें और उनके किसी भी समूह का हिस्सा न बनें।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग विंग सक्रिय
हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया पर नफरत भरे भाषण प्रसारित करने वालों पर नजर रखने के लिए सीआईडी के तहत एक विशेष सोशल मीडिया विंग स्थापित की है। इसमें तैनात कर्मी 24 घंटे निगरानी रखते हैं। पुलिस ने अब तक 220 हिंसा भड़काने वाले व्यक्तियों (इंस्टिगेटर व इंफ्लुएंसर) और 400 उपद्रवियों (ट्रबलमेकर) की पहचान की है।
जैसे ही इन लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट पर कोई नई पोस्ट आती है, उसकी गहन जांच की जाती है। यदि कोई पोस्ट आपत्तिजनक या भड़काऊ पाई जाती है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
सीआईडी को दी गई जिम्मेदारी
हरियाणा सरकार ने अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) को सोशल मीडिया से आपत्तिजनक सामग्री हटाने की नोडल एजेंसी के रूप में अधिकृत किया है। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गैर-जिम्मेदाराना संदेश, वीडियो और अन्य सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।