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Haryana News : महर्षि दयांनद यूनिवर्सिटी में फिर से रोकी गई भर्ती प्रक्रिया, आधे से अधिक पद खाली, ग्रेडिंग पर बढ़ा संकट

चंडीगढ़ से आए एक लाइन के आदेश ने रोकी पूरी प्रक्रिया, 2013 से यूनिवर्सिटी में नहीं हो पाई नियमित भर्ती, 221 स्वीकृत पद खाली
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Haryana News : रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (मदवि) में प्रोफेसर लगने का सपना पाल रहे लोगों को एक बार फिर झटका लग गया है। यूनिवर्सिटी में शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से रोकने के आदेश सरकार ने दिए हैं। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर नेहरू की ओर से इस संदर्भ में यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक लाइन का आदेश भेजकर भर्ती प्रक्रिया को तुरंत रोकने को कहा गया है।

सरकार के आदेशों के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए पूरी प्रक्रिया को रोक दिया है। स्टॉफ के संकट से जूझ रही यूनिवर्सिटी के सामने अब कई तरह की चुनौतियां हैं। ‘ए प्लस’ ग्रेड वाली इस यूनिवर्सिटी को यह ‘ग्रेड’ मेनटेन करने के लिए खाली पदों को अनिवार्य तौर पर भरना होगा। अगर पद खाली रहते हैं तो नैक टीम की रिपोर्ट का नकारात्मक असर पड़ना तय है। नैक टीम उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करती है। इसके बाद ही ग्रेडिंग दी जाती है।

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मदवि में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के 408 कुल स्वीकृत पद हैं। ये सभी पद बजट मंजूरशुदा हैं। इनमें से 187 ही पद भरे हुए हैं और 221 पद लम्बे समय से खाली पड़े हैं। अहम बात यह है कि 2013 के बाद ये यूनिवर्सिटी में नियमित भर्ती ही नहीं हो पाई है। यानी कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय ही आखिरी बार भर्ती हुई थी। मौजूदा भाजपा सरकार अपने करीब 11 वर्षों के कार्यकाल में एक बार भी भर्ती नहीं कर पाई है।

राजबीर सिंह वर्तमान में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर हैं। बताते हैं कि उन्होंने खाली पदों को भरने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी। सरकार की मंजूरी के बाद ही खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किए गए। कुल 153 पदों को भरने की अनुमति प्रदेश सरकार ने दी थी। यहां बता दें कि 2016 में बीके पूनिया के वीसी रहते हुए भी 20 पदों पर भर्ती करने के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। लेकिन उस समय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के स्टे की वजह से भर्ती नहीं हो पाई।

इसके बाद नवंबर-2024 में पूर्व की मनोहर सरकार ने खाली पदों को भरने की अनुमति दी। जनवरी-2024 में खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया लेकिन इस प्रक्रिया को फिर से रोक दिया गया। हालांकि बाद में सरकार ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति भी दे दी लेकिन अब प्रदेश सरकार की ओर से आए ताजा आदेश में इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने को कहा है। ऐसे में यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के पदों पर फिलहाल भी भर्ती नहीं हो पाएगी।

कई विभागों में फैकेल्टी ही नहीं

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी की स्थिति यह है कि इसके कई विभागों में एक भी फैकेल्टी नहीं है। हिस्ट्री के 8 स्वीकृत पद हैं और सभी खाली हैं। म्यूजिक विषय की भी सभी चारों तथा समाज शास्त्र की सभी सात पोस्ट खाली हैं। डिफेंस स्टडी के चार स्वीकृत पदों में से एक ही भरा हुआ है और तीन रिक्त हैं। कैमिस्ट्री के 23 पदों में से 6 पर ही फैकेल्टी कार्यरत है, बाकी के 17 पर खाली हैं। लॉ विभाग के हालात भी ठीक नहीं हैं। यहां 13 पद रिक्त हैं।

यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के 153 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी। अब प्रदेश सरकार की ओर से इस प्रक्रिया को रोकने के आदेश आए हैं। इन पर अमल करते हुए भर्ती प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से रोक दिया है।

-केके गुप्ता, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार।

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